नई दिल्लीः स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने पैर के फ्रेक्चर से उबरकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी दो मैचों की घरेलू श्रृंखला के लिये भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की जबकि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी एक बार फिर टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे। पंत को जुलाई में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के दौरान चोट लगी थी और वह वेस्टइंडीज के खिलाफ अगली सीरीज नहीं खेल सके थे। उन्होंने हाल ही में बेंगलुरु में दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ भारत ए टीम की कप्तानी की और दूसरी पारी में 90 रन बनाये। शुभमन गिल की कप्तानी वाली टीम में उन्होंने एन जगदीशन की जगह ली।
बंगाल के लिए तीन रणजी मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शमी को टीम में जगह नहीं मिल सकी है। पैतीस वर्ष के शमी ने उत्तराखंड और गुजरात के खिलाफ बंगाल की जीत में अहम भूमिका निभाते हुए तीन मैचों में 93 ओवर डालकर 15 से अधिक विकेट लिए। चयनकर्ताओं को शायद लगा होगा कि अब वह टेस्ट क्रिकेट में लंबे स्पैल नहीं डाल सकेंगे चूंकि घरेलू क्रिकेट में भी स्पैल के बीच उन्होंने ब्रेक लिए।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद अगले छह महीने भारत को टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना है जिसे देखकर लगता है कि शमी के लिये दरवाजे बंद हो चुके हैं। बंगाल के तेज गेंदबाज आकाश दीप ने भी कंधे की चोट से उबरकर वापसी की है। उन्होंने हाल ही में रणजी ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी के जरिये प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की। वह भारत ए टीम का भी हिस्सा हैं।
सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने हाल ही में कहा था कि वह ‘फिट’ हैं और भारतीय टीम में वापसी के लिए ‘तैयार’ हैं। उन्होंने सत्र के पहले दो रणजी ट्रॉफी मैच में शानदार प्रदर्शन करके वापसी का अपना मजबूत दावा पेश किया। बंगाल के इस तेज गेंदबाज ने गुजरात के खिलाफ मैच में आठ विकेट लिए और ईडन गार्डन्स पर अपनी टीम की 141 रन की जीत में अहम भूमिका निभाई।
गुजरात की दूसरी पारी में पांच विकेट लेने के बाद शमी ने कहा, ‘‘काफी कड़ी मेहनत की है और मेरा मानना है कि किस्मत भी इसमें अहम भूमिका निभाती है। हर कोई देश के लिए खेलना चाहता है। इसलिए मैं (फिर से) इसके लिए तैयार हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी प्रेरणा फिट और भारतीय टीम के लिए हर समय उपलब्ध रहना है। मैदान पर मैं अच्छा प्रदर्शन करता रहूंगा और बाकी चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है।’’
इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘यह राहत की बात है। मानसिक रूप से, शारीरिक रूप से, यह बहुत अच्छा लगता है क्योंकि आप इतने मुश्किल समय (चोट) से वापस आ रहे हैं और उसके बाद आप मैदान पर बने रहते हैं।’’ शमी को ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के दौरे के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया था जिसके बाद मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और इस सीनियर क्रिकेटर के बीच बयानबाजी हुई थी।
हालांकि इस तेज गेंदबाज ने इस बात पर जोर दिया है कि टखने की सर्जरी से ठीक होने के बाद वह पूरी तरह फिट हैं और खेल के सभी प्रारूप के लिए उपलब्ध हैं। जब उनसे मंगलवार को भारतीय टीम में वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने विवाद से दूर रहना पसंद किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा किसी ना किसी विवाद में फंसा रहता हूं। आप लोगों की वजह से (हंसते हुए)। यह एक गलतफहमी है।’’
शमी ने साथ ही कहा कि उन्होंने क्यूरेटर से ईडन गार्डन्स में घास वाली पिच तैयार करने को कहा था क्योंकि उनका मानना है कि बंगाल का तेज गेंदबाजी आक्रमण भारतीय घरेलू क्रिकेट में सबसे अच्छे तेज गेंदबाजी आक्रमण में से एक है। बंगाल के मुख्य कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भारतीय टीम में वापसी के लिए शमी का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मोहम्मद शमी को किसी से प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। वह खुद में एक प्रमाण पत्र है। उन्हें अपने प्रशंसकों, मीडिया और सबसे बड़े चयनकर्ता का समर्थन है जो सबसे ऊपर (भगवान) है।’’ शमी ने ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के दौरे से उन्हें बाहर रखने के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए उनकी उपलब्धता साबित करती है कि वह फिट हैं।
इस बारे में चयन समिति को अपडेट करना उनका काम नहीं है। शमी ने आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और वरुण चक्रवर्ती के साथ देश के शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे। शमी टखने और घुटने की बार बार होने वाली चोटों से जूझ रहे हैं जिसके लिए 2023 विश्व कप के बाद उनकी सर्जरी हुई थी। पैंतीस वर्षीय शमी पिछले कुछ समय से भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं।
वह भारत के लिए अंतिम बार जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेले थे। चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए टीम की घोषणा के बाद कहा था कि उनके पास शमी की फिटनेस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। शमी ने कहा, ‘‘मेरा काम एनसीए (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस - सीओई) जाना, तैयारी करना और मैच खेलना है।
वो उनकी बात है, उन्हें कौन अपडेट देता है, किसने नहीं दिया। यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है। ‘‘ उन्होंने उन स्थापित नियमों का हवाला देते हुए यह बात कही जिनके तहत सीओई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करता है। भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है, शमी आशावादी हैं लेकिन व्यावहारिक भी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा कहता हूं कि आपको अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ का चयन करना चाहिए।
यह देश का मामला है। देश को जीतना चाहिए। हम सभी को खुश होना चाहिए। मैं हमेशा यही कहता हूं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘चुनौतियों से लड़ते रहो, खेलते रहो। अगर आप अच्छा प्रदर्शन करोगे, तो इसका फायदा आपको भी होगा। चयन मेरे हाथ में नहीं है। मैं सिर्फ तैयारी कर सकता हूं और मैच खेल सकता हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। अगर आप मुझे नहीं चुनते तो मैं यहां आकर बंगाल के लिए खेलूंगा।
मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। ’’ शमी ने कहा कि क्रिकेट जैसे खेल में एक खिलाड़ी हमेशा निरंतर प्रदर्शन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दर्द में नहीं खेलना चाहता या टीम को तकलीफ नहीं देना चाहता। मैं ऑपरेशन के बाद वापसी करना चाहता था। मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं। ’’
भारत का 64 टेस्ट, 108 वनडे और 25 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रतिनिधित्व कर चुके इस अनुभवी तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘जब भी वे (चयनकर्ता) चाहेंगे, मैं खेलने के लिए तैयार हूं। ’’ शमी ने कहा कि वह अब भी घरेलू क्रिकेट को महत्व देते हैं क्योंकि इससे किसी भी क्रिकेटर की असली परीक्षा होती है।