नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में पहले बल्लेबाजी करने का विकल्प चुनने के बाद भारतीय टीम बेहतर स्थिति में थी। विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम इंडिया एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच के पहले दिन 188 रन पर 3 विकेट गिरने के बाद मजबूत स्थिति में थी।
लेकिन, तभी यह साबित हो गया कि क्रिकेट अनिश्चितताओं से भरा खेल है। यहां कुछ भी स्थाई नहीं है। हालांकि, कप्तान कोहली ने उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ खेलते हुए 74 रन बनाए और तभी वह आउट हो गए। फिर यहीं से खेल ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में चला गया।
इस मामले में पाकिस्तान के खिलाड़ी शोएब अख्तर ने कहा कि रहाणे ने कोहली को दरी में लपेटा और वाकई मार डाला। भारत की हार शर्मनाक है। यदि कोहली 150 से 200 रन बनाते तो भारत के पास अधिक बढ़त होती।
इसके साथ ही अख्तर ने यह भी कहा कि यह बहुत शर्मनाक है और हिन्दुस्तान की ऐसी हार को पचा पाना मुश्किल है। इनको ठीक-ठाक फेंटी पड़ी है जिसे वो जिंदगीभर याद रखेंगे। मैं भारत को बहुत सपोर्ट करता है और उनसे ऐसी हार की कल्पना नहीं की थी।
टीम इंडिया पहले टेस्ट के तीसरे दिन महज 36 रनों पर ऑल आउट हो गई-
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम पहले टेस्ट के तीसरे दिन महज 36 रनों पर ऑल आउट हो गई। टीम इंडिया दूसरी पारी में सिर्फ 36 रन ही बना सकी। भारतीय टीम ने 46 साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ बनाए अपने सबसे छोटे स्कोर का शर्मनाक रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1974 में भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में सिर्फ 42 रनों पर ढेर हो गई थी। इसके बाद आज भारत ने इससे कम का स्कोर खड़ा किया।
भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था-
भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकार्ड न्यूजीलैंड के नाम पर है जिसने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ आकलैंड में 26 रन बनाये थे। भारत की परेशानी यहीं पर समाप्त नहीं हुई है। तेज गेंदबाज शमी की कलाई पर चोट लग गयी है और वह श्रृंखला से बाहर हो सकते हैं। पैट कमिन्स की उठती हुई गेंद उनकी कलाई पर लगी जिसके बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा।
इस तरह से भारतीय पारी 21.2 ओवर में समाप्त हो गयी
इस तरह से भारतीय पारी 21.2 ओवर में समाप्त हो गयी। भारतीय टीम ने पहली पारी में 53 रन की बढ़त हासिल की थी लेकिन इसके बावजूद वह शर्मनाक हार के कगार पर पहुंच गयी है। एक समय भारत का स्कोर आठ विकेट पर 26 रन था और वह टेस्ट क्रिकेट के न्यूनतम स्कोर की बराबरी करने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन हनुमा विहारी (आठ) के चौके से टीम क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब रिकार्ड की बराबरी करने से बच गयी।