नई दिल्ली, 22 अप्रैल: टीम इंडिया के स्टार ओपनर रहे वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया है कि कैसे सौरव गांगुली की झिड़की ने उन्हें पहली बार टेस्ट क्रिकेट में ओपनर बनने में मदद की थी। सहवाग ने इस बात की जानकारी कोलकाता में बोरिया मजूमदार की किताब इलेवन गॉड्स ऐंड अ बिलियन इंडियंस की लॉन्चिंग के मौके पर दी।
सहवाग ने कहा, भारती टीम के 2002 के इंग्लैंड दौरे के दौरान सौरव गांगुली ने उनसे पारी शुरू करने के लिए कहा था। तब सहवाग ने कप्तान गांगुली और कोच जॉन राइट से जो पहला सवाल पूछा वह था, 'मैं क्यो?' 'उन्होंने कहा कि तुमने वनडे में ओपनर के तौर पर बैटिंग की और तुम्हें इसका अनुभव है।'
सहवाग ने कहा, 'तो मेरा अगला सवाल था कि सचिन ने एक दशक तक ओपनिंग की है और आप (गांगुली) ने 1998 में ओपनर के तौर पर शुरुआत की थी। तो आप लोग क्यों ओपनिंग नहीं कर सकते और मैं मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करता हूं।' सहवाग ने कहा कि गांगुली ने उनसे कहा, 'अगर तुम टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हो तो यही एक जगह है। सवाल मत पूछो, अगर तुम ये (ओपन) करना चाहते हो तो करो, वर्ना बेंच पर बैठो।' (धमाकेदार शतक के बाद गेल का मजेदार बयान, 'मुझे चुनकर सहवाग ने IPL बचा लिया')
सहवाग ने कहा, 'इसके बाद मैंने कहा, दादा कृपया मुझसे वादा कीजिए कि अगर मैं अगले 3-4 मैचों में ओपनर के तौर पर असफल हो जाऊं तो आप मुझे मिडिल ऑर्डर में एक मैच में मौका देंगे, उन्होंने कहा, ठीक है।' 'इसके बाद मैंने जॉन राइट से कहा कि वे देखें कि गांगुली अपना वादा पूरा करें।'
सहवाग ने कहा, 'इसके बाद बाकी सब इतिहास है। मेरे पहले मैच में लॉर्ड्स में मैंने ओपनर के तौर पर 84 रन बनाए। इसके बाद सचिन, गांगुली और द्रविड़ ने मुझसे कहा कि मैं सबसे बेवकूफ हूं, मैंने पूछा क्यों? उन्होंने कहा कि किसी ने भी लॉर्ड्स में अपने पहले मैच में शतक नहीं जमाया है और तुमने ये मौका गंवा दिया। मैंने कहा कि मैंने कम से कम 84 रन तो बनाए, मैं इससे खुश हूं।' (सहवाग का खुलासा, 'गांगुली के खिलाफ ग्रेग चैपल के 'षड्यंत्र' के बारे में सबसे पहले मुझे पता चला था')
सहवाग ने साथ ही नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ गांगुली के साथ ओपनिंग की कहानी भी साझा की। सहवाग ने कहा, 'मैं इस बात को लेकर बहुत आत्मविश्वास से भरा था कि अगर अंग्रेज 325 रन बना सकते हैं तो हम लक्ष्य आसानी से हासिल कर सकते हैं क्योंकि वे वनडे में इतने अच्छे नहीं हैं। हम साल में 30-35 वनडे खेलते हैं तो हम इंग्लैंड से बेहतर टीम हैं। मैंने दादा से कहा, चिंता मत करिए, अगर गोरे कर सकते हैं तो हम भी कर सकते हैं। इन्होंने हम पर राज किया है, अब हमारा मौका है इन पर राज करने का।'