नई दिल्ली, 21 अप्रैल: टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल के सौरव गांगुली के खिलाफ लिखे गए कुख्यात ई-मेल के बारे में सबसे पहले जानने वाले शख्स धाकड़ ओपनर रहे वीरेंद्र सहवाग थे। सहवाग ने शुक्रवार को एक बुक लॉन्चिंग कार्यक्रम के दौरान कोलकाता में इस बात खुलासा किया।
सहवाग ने कहा, 'मैं फील्डिंग के दौरान ब्रेक लिया करता था। मुझे कम से कम पांच ओवरों के ब्रेक की जरूरत होती थी। मैं हमेशा अंपायरों से कहता था कि मेरा पेट खराब है और मैं मैदान के बाहर जाया करता था।'
कोलकाता में बोरिया मजूमदार की किताब 'इलेवन गॉड्स ऐंड अ बिलियन इंडियंस' के लॉन्च के मौके पर सहवाग ने कहा, 'तो ग्रेग अपना ईमेल लिख रहे थे और मैं उनकी बगल में बैठा था। मैंने देखा कि वह बीसीसीआई को कुछ लिख रहे थे। मैं गया और दादा को इसके बारे में बताया। मैंने उन्हें बताया कि वह बीसीसीआई को कुछ लिख रहे हैं, और ये कुछ गंभीर है।'
मई 2005 में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच नियुक्त हुए ग्रेग चैपल का कार्यकाल विवादों से भरा हुआ था, जिसकी शुरुआत उसी साल जिम्बाब्वे के एक दौरे से सौरव गांगुली को बाहर करने से हुई थी।
कई स्टार भारतीय क्रिकेटरों ने चैपल के कोच पद के कार्यकाल के बारे में अपनी राय जाहिर की थी। सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' में चैपल के बारे में लिखा है, 'उन्होंने भारतीय क्रिकेट को इस हद तक बर्बाद कर दिया था कि उसे वापस ट्रैक पर आने में कम से कम तीन साल लगेंगे।'
जहीर खान ने चैपल के बारे में कहा था, 'ग्रेग के अपने एजेंडा थे और वह व्यक्तिगत हो रहे थे।'
सहवाग से जब उनके क्रिकेट करियर के सबसे यादगार लम्हे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में लगाया गया शतक उनके करियर का सबसे यादगार क्षण है। सहवाग ने 2001 में ब्लोम्फोंटेन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़ा था।
एक दशक लंबे करियर में 104 टेस्ट और 251 वनडे खेलने वाले सहवाग ने कहा, 'जब मैंने वनडे खेले, तो लोगों ने कहा कि मैं टेस्ट नहीं खेल सकता और सिर्फ सफेद गेंद की क्रिकेट में रन बना सकता हूं। इसलिए जब मैंने अपना पहला टेस्ट शतक लगाया तो सौरव गांगुली को गले लगाया क्योंकि उन्होंने मुझे टेस्ट खेलने का मौका दिया।' सहवाग के नाम टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरा शतक जड़ने का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है।