इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 फाइनल का अंत नाटकीय रहा था और लॉ़र्ड्स में खेले गए इस फाइनल में मैच टाई रहने के बाद सुपर ओवर भी टाई रहा था और अंत में इंग्लैंड को न्यूजीलैंड से ज्यादा बाउंड्री लगाने के आधार पर विजेता घोषित किया गया था।
लेकिन इंग्लैंड को इस बेहद रोमांचक फाइनल में बाउंड्री के आधार पर विजेता घोषित किए जाने के नियम को लेकर सोशल मीडिया में कई दिग्गजों और फैंस ने आईसीसी की कड़ी आलोचना की थी।
अब ये सवाल पूछा जा रहा है कि अगर वर्ल्ड कप फाइनल में दोनों टीमों की बाउंड्री की संख्या 50 ओवर और सुपर ओवर के बाद भी समान रहती तो कौन विजेता बनता?
आइए जानें बाउंड्री बराबर रहने पर कौन बनता विजेता
-सुपर ओवर टाई रहने के बाद, जिस टीम ने 50 ओवर और सुपर ओवर में मिलाकर सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाई होतीं, उसे विजेता घोषित किया जाता, इसी आधार पर इंग्लैंड की टीम विजेता बनी।
-अगर इस आधार पर भी दोनों टीमों की बाउंड्री की संख्या बराबर रहती तो जिस टीम ने सिर्फ 50 ओवर में (सुपर ओवर छोड़कर) ज्यादा बाउंड्री लगाई होती, वह जीतती।
-अगर इन दोनों नियमों (50 ओवर+सुपर ओवर) को मिलाकर भी दोनों टीमों की बाउंड्री की संख्या बराबर होती तो फिर दोनों टीमों के सुपर ओवर की आखिरी गेंद से बनाए गए रन से गणना शुरू होती।
-दोनों टीमों की बाउंड्री की संख्या (50 ओवर, सुपर ओवर में मिलाकर) भी बराबर होने पर, दोनों टीमों द्वारा सुपर ओवर की आखिरी गेंद पर बनाए गए रन के आधार पर विजेता का फैसला होता।
मान लीजिए छह गेंदों वाले सुपर ओवर की आखिरी गेंद पर एक टीम ने चौका जड़ा है और दूसरी टीम ने छक्का लगाया है, तो दूसरी टीम आखिरी गेंद पर ज्यादा रन बनाने के लिए विजेता बनती।
अगर दोनों टीमें आखिरी गेंद पर एक समान रन बनाती तो फिर पांचवीं गेंद पर बनाए गए रन की गणना होती। इसी तरह कोई टीम अगर सुपर ओवर के चार गेंदों में ही अपने दो विकेट गंवा देती तो दोनों टीमों द्वारा चौथी गेंद पर बनाए गए रन की गणना होती।
संयोग से इस आधार पर भी इंग्लैंड ही विजेता बनता क्योंकि उसने सुपर ओवर की आखिरी गेंद पर 6 रन बनाए थे, जबकि न्यूजीलैंड ने एक रन बनाया था।