भारत को एक नहीं 2 बार 'वर्ल्ड कप' जिता चुके ये पांच खिलाड़ी, एक पर लग चुका बैन

2 अप्रैल 2011 को ठीक 9 साल पहले आज ही के दिन भारत दूसरी बार वनडे फॉर्मेट में विश्व कप विजेता बना था। इससे पहले भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया टी20 का खिताब अपने नाम कर चुकी थी...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: April 02, 2020 6:06 AM

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ठळक मुद्दे2 अप्रैल 2011 को ठीक 9 साल पहले आज ही के दिन भारत दूसरी बार वनडे फॉर्मेट में बना चैंपियन।वनडे समेत टी20 फॉर्मेट में कुल तीन बार भारत बन चुका विश्व विजेता।साल 2007 और 2011 में 5 खिलाड़ी रहे दोनों ऐतिहासिक मैचों के गवाह।

भारत ने क्रिकेट इतिहास में अब तक तीन बार विश्व कप खिताब अपने नाम किया है। इनमें साल 1983 और 2011 में टीम इंडिया ने वनडे, जबकि साल 2007 में टी20 खिताब अपने नाम किया है।

2 अप्रैल 2011 को ठीक 9 साल पहले आज ही के दिन भारत दूसरी बार वनडे फॉर्मेट में विश्व कप विजेता बना था। इससे पहले भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया टी20 का खिताब अपने नाम कर चुकी थी।

खास बात ये थी कि साल 2011 में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल मैच में भारत की प्लेइंग में ऐसे 5 खिलाड़ी थे, जो 2007 में भी खिताबी मुकाबले में टीम का हिस्सा थे। ये क्रिकेटर थे- गौतम गंभीर, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी, हरभजन सिंह और श्रीसंत।

गौतम गंभीर ने टी20 विश्व कप 2007 के फाइनल मैच में 75 रन की पारी खेली थी, जबकि साल 2011 में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 97 रन बनाए, वहीं कप्तान धोनी ने टी20 मैच में 6 और श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 91 रन की पारी के अलावा अपनी कप्तानी में भारत को ये सुनहरे पल नसीब करवाए थे।

इन दोनों विश्व कप में श्रीसंत का योगदान भी बेहद खास था। हालांकि श्रीलंका के खिलाफ उन्हें विकेट नसीब नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में उन्होंने 1 विकेट के अलावा जोगिंदर शर्मा की गेंद पर मिस्बाह-उल-हक का वो शानदार कैच लपका था, जिसने मैच को भारत की झोली में डाला।

क्यों लगा था बैन: साल 2005 में श्रीलंका के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू करने वाले श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग मामले को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आजीवन बैन लगाया था। हालांकि मार्च 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन बैन को रद्द कर दिया था। इसके बाद BCCI ने श्रीसंत पर लगे आजीवन प्रतिबंध को घटाकर 7 साल कर दिया। इस साल 13 सितंबर 2020 को श्रीसंत पर लगा बैन खत्म होगा।

हालांकि अब श्रीसंत को टीम इंडिया में वापसी संभव नजर नहीं आ रही है। उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा, “व्‍यवहारिक तौर पर मुझे नहीं लगता कि मैं वापसी कर पाऊंगा, लेकिन मेरे पिता ने मुझे जो कहा है मैं हमेशा उसका पालन करता हूं। उन्‍होंने मुझे कहा है कि जब तक तुम सांस ले रहे हो हार मत मानो। मैंने कभी नहीं सोचा था कि केरल जैसे छोटे राज्‍य से आकर कभी टीम इंडिया के लिए खेल पाऊंगा। भारत के इतिहास में भी केरल से ज्‍यादा खिलाड़ी नहीं हैं।”

भारतीयों के लिए वो सुनहरे पल...

T20 World Cup 2007: जोहान्सबर्ग में 24 सितंबर को हुए इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने निर्धारित 20 ओवरों में 157/5 का स्कोर खड़ा किया। टीम इंडिया के लिए गौतम गंभीर ने युवराज सिंह (14) के साथ तीसरे विकेट के लिए 63 रन की साझेदारी कर भारत को सैकड़े के पार पहुंचाया।

गंभीर ने 54 गेंदों में 8 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 75 रन बनाए, जबकि रोहित शर्मा ने 16 गेंदों में 30 रन की नाबाद पारी खेली। विपक्षी टीम की ओर से उमर गुल ने 3, जबकि मोहम्मद आसिफ-सोहेल तनवीर ने 1-1 विकेट झटके।

टारगेट का पीछा करते हुए पाकिस्तान के लिए सलामी बल्लेबाज इमरान नजीर ने 33, जबकि युनूस खान ने 24 रन जरूर बनाए लेकिन टीम ने अपने 5 विकेट 76 रन तक गंवा दिए थे। इसके बाद मिस्बाह-उल-हक ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर पर कोई बल्लेबाज टिक नहीं पा रहा था।

पाकिस्तान को आखिरी 4 गेंदों में जीत के लिए 6 रन की दरकार थी। पाकिस्तानी खेमे और फैंस में खूब जोश था, वहीं भारतीयों की दिलों की धड़कने थम चुकी थीं। आखिरी ओवर में गेंद जोगिंदर शर्मा के हाथों में थी। मिस्बाह ने तीसरी बॉल पर विकेट के पीछे शॉट खेला, लेकिन श्रीसंत ने लंबी दूरी तय कर कैच लपक लिया और भारत ने इसी के साथ पहला टी20 विश्व कप अपने नाम कर सभी को हैरान कर दिया। टीम इंडिया की ओर से रुद्र प्रताप सिंह और हरभजन सिंह ने 3-3 शिकार किए। उनके अलावा जोगिंदर शर्मा ने 2, जबकि श्रीसंत ने 1 विकेट अपने नाम किया।

World Cup 2011: अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस खिताबी मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए। मेहमान टीम की ओर से माहेला जयवर्धने ने 103, जबकि कुमार संगाकारा ने 48 रन की पारी खेली थी। भारत की ओर से जहीर खान-युवराज सिंह को 2-2, जबकि हरभजन सिंह को 1 विकेट हाथ लगा था।

टारगेट का पीछा करते हुए भारत को महज 1 रन के स्कोर पर वीरेंद्र सहवाग (0) के रूप में शुरुआती झटका लगा, जिसके बाद सचिन तेंदुलकर (18) भी जल्द चलते बने। यहां से गौतम गंभीर (97) ने विराट कोहली (35) के साथ 83 रन की साझेदारी कर टीम को संभाल लिया और चौथे विकेट के लिए गंभीर ने धोनी के साथ शतकीय साझेदारी की।

गंभीर शतक से महज 3 रन दूर थे और परेरा ने उन्हें बोल्ड कर दिया। यहां से कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 91) ने मोर्चा संभालते हुए युवराज सिंह (नाबाद 21) के साथ मिलकर टीम को 48.2 ओवर में जीत दिला दी। 

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