International Cricket Council ICC 2024: स्टंपिंग, कन्कशन सब्स्टीट्यूट के नियम में संशोधन, इस दिन से लागू, जानें क्या-क्या होंगे और चेंज

International Cricket Council ICC 2024: अंपायर अब निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) रेफरल के दौरान विकेट के पीछे कैच पर विचार किए बिना स्टंपिंग के लिए केवल ‘साइड ऑन रीप्ले’ का आकलन करेंगे।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 4, 2024 01:45 PM2024-01-04T13:45:24+5:302024-01-04T13:46:59+5:30

International Cricket Council ICC 2024 ICC amended rules of stumping, concussion substitute effective from December 12-2023 know what will happen and changes | International Cricket Council ICC 2024: स्टंपिंग, कन्कशन सब्स्टीट्यूट के नियम में संशोधन, इस दिन से लागू, जानें क्या-क्या होंगे और चेंज

सांकेतिक फोटो

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Highlightsसंशोधन 12 दिसंबर 2023 से लागू हो गया है। अलग से डीआरएस का विकल्प चुनना होगा। स्थानापन खिलाड़ी (सब्स्टीट्यूट) लेने को लेकर भी नियमों को स्पष्ट किया है।

International Cricket Council ICC 2024: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने खेल की स्थितियों में उल्लेखनीय बदलाव किया है, जिसके अनुसार अंपायर अब निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) रेफरल के दौरान विकेट के पीछे कैच पर विचार किए बिना स्टंपिंग के लिए केवल ‘साइड ऑन रीप्ले’ का आकलन करेंगे।

नियमों में यह संशोधन 12 दिसंबर 2023 से लागू हो गया है। इसके अनुसार यदि कोई टीम स्टंप आउट की जांच के दौरान विकेट के पीछे कैच के लिए भी रेफरल लेना चाहती है तो उसे अलग से डीआरएस का विकल्प चुनना होगा। पिछले साल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने टीम के डीआरएस का उपयोग किए बिना स्टंपिंग के बाद विकेट के पीछे कैच के लिए भी रेफरल का इस्तेमाल किया था। लेकिन अब नए नियम लागू होने के बाद स्टंपिंग के लिए की गई अपील में केवल साइड ऑन कैमरे की छवि को ही दिखाया जाएगा।

अंपायर केवल उसी पर गौर करेंगे। वह इसकी जांच नहीं करेंगे की गेंद बल्ले को छूकर गई है या नहीं। आईसीसी ने कन्कशन (सिर में चोट लगने के कारण हल्की बेहोशी की स्थिति) के लिए स्थानापन खिलाड़ी (सब्स्टीट्यूट) लेने को लेकर भी नियमों को स्पष्ट किया है।

अब स्थानापन खिलाड़ी को तभी गेंदबाजी करने की अनुमति दी जाएगी जबकि मूल खिलाड़ी को गेंदबाजी करते समय ‘कन्कशन’ के कारण हटना पड़ा हो। विश्व क्रिकेट की संचालन संस्था ने इसके साथ ही मैदान पर चोट के आकलन और उपचार के लिए चार मिनट का समय भी तय कर दिया है।

आईसीसी के इन नियमों में बदलाव के साथ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान लागू किए गए ‘डेड बॉल’ और प्रति ओवर दो बाउंसर के नियम को शुक्रवार से शुरू होने वाली रणजी ट्रॉफी में भी जारी रखने का फैसला किया है।

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