एमएस धोनी ने 15 अगस्त को अपने 16 साल लंबे इंटरनेशनल करियर को अलविदा कह दिया। वह एक दशक से ज्यादा लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रभावी शख्सियत रहे। धोनी ने अपना डेब्यू दिसंबर 2004 में सौरव गांगुली की कप्तानी में किया था और आगे चलकर वह खुद क्रिकेट इतिहास के महानतम कप्तानों में से एक बने।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली ने धोनी के अचानक संन्यास पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक युग का अंत बताया और कहा कि खासतौर पर सीमित ओवरों में उनकी नेतृत्व क्षमता की बराबरी कर पाना मुश्किल होगा।
धोनी के संन्यास को गांगुली ने बताया 'एक युग का अंत'
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा, ये एक युग का अंत है। वह देश और विश्व क्रिकेट के लिए क्या शानदार खिलाड़ी रहे हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता ऐसी रही है जिसकी बराबरी करना मुश्किल होगा, खासतौर पर खेल के छोटे फॉर्मेट में।'
धोनी आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफियां जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं। इतने शानदार करियर के बाद धोनी का मानना है कि गांगुली इस विकेटकीपर बल्लेबाज को कोई अफसोस नहीं होगा।
धोनी का करियर असाधारण: गांगुली
गांगुली ने कहा, 'अपने शुरुआती दौर में वनडे क्रिकेट में उनकी बल्लेबाजी ने दुनिया को हैरान कर दिया और उनकी नैसर्गिक प्रतिभा को नोटिस किया। हर अच्छी चीज का अंत होता है और यह बिल्कुल शानदार रहा है।'
उन्होंने कहा, 'उन्होंने विकेटकीपर के लिए एक मानक स्थापित किया है और देश के लिए एक छाप छोड़ी है। वह मैदान पर किसी पछतावे के साथ करियर का समापन नहीं करेंगे। एक असाधारण करियर। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।'
धोनी के संन्यास पर बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, 'एमएस धोनी आधुनिक युग के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। मैं समझता हूं कि यह एक व्यक्तिगत निर्णय है और हम इसका सम्मान करते हैं। 'माही' जैसा कि हम उन्हें प्यार से बुलाते हैं का एक असाधारण इंटरनेशनल करियर रहा है।'