गुवाहाटीः विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल आखिर कैसे फेल हो गए। दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में नाबाद 132 और नाबाद 127 रन की पारी खेल कमाल किया। भारतीय टीम प्रबंधन और राष्ट्रीय चयन समिति ने मौका दिया लेकिन इस खिलाड़ी ने मौके को भुना नहीं सका और कोलकाता और गुवाहाटी टेस्ट खेलकर फुस्स हो गए। 2 मैच की 4 पारी में 62 गेंद खेलकर 29 रन बना सके। पहले टेस्ट कोलकाता में 14 और 13 रन बनाए तो गुवाहाटी में 0 और 2 रन बनाकर आउट हुए। टेस्ट सीरीज भारतीय विकेटकीपर और उपकप्तान ऋषभ पंत की वापसी के बाद जुरेल को मौका दिया गया था।
जुरेल ने भारत के लिए पिछले तीन टेस्ट मैचों लंदन (ओवल), अहमदाबाद और दिल्ली में विकेटकीपिंग की थी। घरेलू सत्र की शुरुआत से जुरेल ने 140, एक और 56, 125, 44 और छह, नाबाद 132 और नाबाद 127 रन की शानदार पारियां खेली थी। उन्होंने इस दौरान प्रथम श्रेणी के पिछले आठ मैच में तीन शतक और एक अर्धशतक लगाये थे।
महेंद्र सिंह धोनी और दिनेश कार्तिक, धोनी और पार्थिव पटेल, धोनी और ऋषभ पंत अलग-अलग समय पर भारत के लिए एक ही सीमित ओवरों की टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन टेस्ट एकादश में दो विशेषज्ञ विकेटकीपरों के होने के ज्यादा उदाहरण नहीं हैं। किरण मोरे और चंद्रकांत पंडित ने 1986 में कुछ टेस्ट मैच खेले (एक इंग्लैंड में और एक भारत में)। पंडित एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेले थे।
वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की पिछली टेस्ट सीरीज में नियमित विकेटकीपर ऋषभ पंत के चोटिल होने के कारण जुरेल ने टीम में इस भूमिका को निभाते हुए दूसरे टेस्ट में शतक जड़ा था। पंत के चोट से उबरने के बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी के बावजूद इस बात की काफी संभावना है कि दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ दो शतक जड़ने वाले जुरेल अंतिम एकादश में अपनी जगह बरकरार रखे।