103 टेस्ट, 7,195 रन, 19 शतक और 35 अर्धशतक, चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लिया

Cheteshwar Pujara retires from all forms of Indian cricket: चेतेश्वर पुजारा ने रविवार को भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी।

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 24, 2025 16:25 IST

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ठळक मुद्देCheteshwar Pujara: टेस्ट क्रिकेट में भारत के आठवें सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। Cheteshwar Pujara: 103 मैचों में 43.60 की औसत से 7,195 रन बनाए, जिनमें 19 शतक शामिल हैं।Cheteshwar Pujara: आखिरी टेस्ट मैच जून 2023 में ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल था।

नई दिल्लीः एक और दीवार ने क्रिकेट को अलविदा कहा। राहुल द्रविड़ के बाद नंबर-3 पर बल्लेबाजी कर कई रिकॉर्ड अपने नाम किया। आधुनिक युग के भारत के सबसे भरोसेमंद टेस्ट क्रिकेटरों में से एक। चेतेश्वर पुजारा ने भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। 37 वर्षीय पुजारा ने 2010 में पदार्पण के बाद भारत के लिए 103 टेस्ट और 5 एकदिवसीय मैच खेले। उन्होंने 43.60 की औसत से 7,195 टेस्ट रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। घरेलू मैदान पर उन्होंने अपने कुल टेस्ट मैचों में से 3839 रन 52.58 की औसत से बनाए हैं।

भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक और एक दशक से अधिक समय तक टेस्ट क्रिकेट में भारतीय बल्लेबाजी की धुरी रहे चेतेश्वर पुजारा ने रविवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की, जिससे उनके शानदार टेस्ट करियर का अंत हो गया। इस 37 वर्षीय खिलाड़ी में सोशल मीडिया पर संन्यास लेने की घोषणा की।

पुजारा ने भारत की तरफ से 103 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2023 में खेला था। पुजारा ने कहा, ‘‘राजकोट के छोटे से शहर से एक छोटे लड़के के रूप में मैंने अपने माता-पिता के साथ सितारों में शामिल होने का लक्ष्य बनाया और भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने का सपना देखा। मुझे तब पता नहीं था कि यह खेल मुझे इतना कुछ देगा।

इस खेल ने मुझे अमूल्य अवसर, अनुभव, उद्देश्य, प्यार और सबसे बढ़कर अपने राज्य और इस महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया। ’’ पुजारा ने भावुक होते हुए कहा, ‘‘भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर कदम रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करना - इसका वास्तविक अर्थ शब्दों में बयां करना असंभव है।

लेकिन जैसा कि सभी चीजों का अंत होता है और मैंने भी भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का निर्णय लिया है।’’ टेस्ट क्रिकेट के विशेषज्ञ बल्लेबाज पुजारा का संन्यास लेने का फैसला पूरी तरह से आश्चर्यजनक नहीं था, क्योंकि टीम के दो अन्य दिग्गज खिलाड़ियों विराट कोहली और रोहित शर्मा ने इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

जबकि उनके एक अन्य साथी आर अश्विन ने दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में ही संन्यास ले लिया था। पुजारा ने अपने टेस्ट करियर में 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए। वह भारत के सर्वकालिक सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में आठवें स्थान पर हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 21301 रन भी बनाए हैं।

उम्मीद की जा रही थी कि पुजारा आगामी घरेलू सत्र में सौराष्ट्र की तरफ से खेलेंगे लेकिन इस स्टार बल्लेबाज ने सोचा कि यह क्रिकेट को अलविदा कहने का सही समय है। सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जयदेव शाह ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि वह आगामी सत्र में खेलेंगे, लेकिन हम उनके फ़ैसले का सम्मान करते हैं। सौराष्ट्र और भारतीय क्रिकेट के लिए वह एक महान खिलाड़ी रहे हैं।

मैं उन्हें मैदान पर अलविदा कहते हुए देखना पसंद करता, लेकिन यह उनका फैसला है और हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।‘‘ पुजारा ने शाह की कप्तानी में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। भारतीय टीम से दूर रहने के दौरान, पुजारा ने कमेंट्री की ओर रुख किया और हाल ही में ब्रिटेन में हुई भारत-इंग्लैंड श्रृंखला की प्रसारण टीम का हिस्सा रहे।

पिछले महीने तक, वह घरेलू क्रिकेट में एक और साल खेलने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे थे और कमेंट्री करते हुए भी अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहे थे। पुजारा ने 2010 से 2023 तक के अपने करियर में 19 शतक और 35 अर्धशतक जमाए। राहुल द्रविड़ के संन्यास लेने के बाद वह विशेष रूप से विदेशी परिस्थितियों में भारतीय टेस्ट टीम की दीवार बन गए।

पुजारा का पारंपरिक तरीके का खेल भले ही आकर्षक नहीं लगे लेकिन वह क्रीज पर टिककर खेलने में माहिर थे। गेंदबाजों को थका देने वाली अपनी बल्लेबाजी के कारण उन्होंने 2018 और 2021 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सौराष्ट्र के वर्तमान मुख्य कोच नीरज ओडेदरा ने कहा, ‘‘मुझे उनसे संन्यास के फैसले की उम्मीद नहीं थी, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने यह फैसला तब लिया होगा जब उन्हें पता था कि वह भारत के लिए दोबारा नहीं खेल पाएंगे। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान अतुलनीय है।

मैं कहूंगा कि यह थोड़ा देर से लिया गया, लेकिन एक अच्छा फैसला है।’’ एक व्यक्ति के रूप मे पुजारा विनम्रता की प्रतिमूर्ति हैं। अपने संन्यास संदेश में, उन्होंने उन लोगों और संस्थाओं का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनको एक अच्छा खिलाड़ी बनाने में योगदान दिया। पुजारा ने कहा, ‘‘मैं बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) और सौराष्ट्र क्रिकेट संघ का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझे मौका दिया और मेरा समर्थन किया। अपने गुरुओं, प्रशिक्षकों और आध्यात्मिक गुरु के अमूल्य मार्गदर्शन के बिना मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता। मैं उनका सदैव ऋणी रहूंगा।‘‘

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने सभी साथियों, सहयोगी स्टाफ, नेट गेंदबाजों, विश्लेषकों, लॉजिस्टिक्स टीम, अंपायरों, ग्राउंड स्टाफ, स्कोररों, मीडिया कर्मियों और उन सभी लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं, जो पर्दे के पीछे अथक परिश्रम करते हैं ताकि हम इस खेल में प्रतिस्पर्धा कर सकें और इसे खेल सकें, जिसे हम दिल से चाहते हैं। मैं इस खेल के सभी प्रशंसकों का भी आभार व्यक्त करता हूं।’’

पुजारा ने कहा, ‘‘और निश्चित रूप से यह सब मेरे परिवार मेरे माता-पिता, मेरी पत्नी पूजा, मेरी बेटी अदिति, मेरे ससुराल वालों और मेरे परिवार के बाकी सदस्यों के त्याग और अटूट समर्थन के बिना संभव या सार्थक नहीं हो पाता। उन्होंने वास्तव में मेरे इस सफर को सार्थक बनाने में अमूल्य योगदान दिया।’’

टॅग्स :चेतेश्वर पुजाराटीम इंडियाबीसीसीआई

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