विदेशी दौरे पर टीम इंडिया के खिलाड़ियों की पत्नियों और गर्लफ्रेंड्स (Wags) को ले जाने का मुद्दा अक्सर चर्चा में रहता है। अब बीसीसीआई के नए आदेश के मुताबिक, किसी भी विदेशी दौरे पर तय अवधि के बाद किसी खिलाड़ी के पार्टनर को रुकने की इजाजत के लिए बोर्ड के अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी।
पिछले साल कमिटी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेटर्स (सीओए) ने ये तय करने का अधिकार कोच और कप्तान को दे दिया था। लेकिन अब बीसीसीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में खिलाड़ियों को उसकी इजाजत लेनी होगी।
बीसीसीआई से लेनी होगी दौरे पर पार्टनर को लेकर ये इजाजत
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'कोई भी व्यक्तिगत निवेदन अधिकारियों के जरिए आनी चाहिए। ये कोई बड़ा मामला नहीं है, लेकिन स्पष्ट रूप से इसे करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका यही है।'
सीओए ने ये फैसला पिछले साल 21 मई को हुई एक बैठक में लिया था। इसमें कहा गया था कि किसी भी निर्धारित अवधि के बाद मेहमानों (पत्नियों-गर्लफ्रेंड्स) को रुकने की स्वीकृति देने का अधिकार कप्तान और कोच के पास होगा और इसका जिक्र खिलाड़ियों के फैमिली क्लॉज में भी होगा।
कोच, कप्तान को अधिकार देने से असहज थे खिलाड़ी
इस फैसले को लेकर बहस छिड़ गई थी क्योंकि कई खिलाड़ी प्रशासनिक नीति के फैसले में कप्तान के शामिल होने को लेकर असहज थे। इसे एक ऐसा फैसला माना गया जो टीम के भीतर असहजता पैदा कर सकता था। इंग्लैंड में पिछले साल हुए वर्ल्ड कप के दौरान सीओए ने एक सीनियर खिलाड़ी की निश्चित अवधि के बाद उसके परिवार को रुकने देने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था।
कप्तान और कोच को ये अधिकार देने के खिलाफ एकमात्र आवाज बनकर उभरी सीओए सदस्य डायना एडुल्जी ने बीसीसीआई के इस फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा, 'ये मुद्दे टीम के माहौल के लिए जटिल बन सकते हैं और ऐसे फैसलों का प्रशासन के ऊपर छोड़ देना चाहिए। किसी भी दौरे पर कप्तान और कोच को क्रिकेट पर ध्यान देना की इजाजत दी जानी चाहिए और मैनेजर को इन चीजों पर नजर रखनी चाहिए। अब बीसीसीआई को उसके पदाधिकारी चला रहे हैं, तो उन्हें फैसला लेना चाहिए।' टीम इंडिया को इस महीने के अंत में न्यूजीलैंड दौरे पर जाना है और निश्चित अवधि के बाद पार्टनर को साथ रखने को लेकर की इजाजत अब बोर्ड पदाधिकारियों से ही लेनी होगी।