Highlightsहर्शल गिब्स बीबीएल टीम सिलहट थंडर को देर रहे हैं कोचिंगगिब्स ने कहा कि स्थानीय खिलाड़ियों को अंग्रेजी के अलावा खेल की समझ सुधारने की भी जरूरत
गिब्स ने हाल ही में कहा कि स्थानीय खिलाड़ी, ढंग से अंग्रेजी नहीं समझते हैं, जिसकी वजह से उनके साथ काम करने में समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी उनकी बात सुनते हैं, लेकिन जो वह बोलते हैं उसे बमुश्किल समझते हैं।
सिलहट थंडर की टीम अभी बांग्लादेश प्रीमियर लीग में आठ मैचों में महज एक जीत के साथ पॉइंट्स टेबल में आखिरी स्थान पर है। इस टीम में कुल 12 बांग्लादेशी खिलाड़ी हैं, जिनमें से पांच राष्ट्रीय टीम के लिए खेल चुके हैं। गिब्स ने साथ ही ये भी कहा कि स्थानीय खिलाड़ियों को अंग्रेजी के अलावा खेल की अपनी समझ पर भी काम करने की जरूरत है।
गिब्स की समस्या, बांग्लादेशी खिलाड़ी नहीं समझते अंग्रेजी
गिब्स ने ढाका ट्रिब्यून को दिए इंटरव्यू में कहा, स्थानीय खिलाड़ियों में से ज्यादातर अंग्रेजी नहीं समझते हैं। इसलिए मेरे लिए हर समय उन्हें कुछ समझाना मुश्किल होता है। ये हताश करने वाली चीज है। जब मैं उनसे बात करता हूं तो मैं देखता हूं कि वे सुन तो रहे हैं लेकिन पूरी तरह से उसे समझ नहीं रहे हैं।
गिब्स ने कहा, 'मेरे हिसाब से (खिलाड़ियों को) खेल को लेकर समझ में भी सुधार करने की जरूरत है। एक और चीज है, वे बहुत तुनकमिजाज हैं। मेरे लिए उन्हें ये समझाना मुश्किल होता है क्योंकि वे इसे ठीक ढंग से नहीं समझते हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। एक दिन रुबेल मिया ने ओपनिंग की और उन्होंने 28 गेंदों में 14 रन बनाए। मैं टाइम-आउट के दौरान मैदान में गया और उनसे कहा, 'क्या हो रहा है, आपने 28 गेंदों में 14 रन बनाए हैं?' और इसके जवाब में रुबेल ने केवल सिर हिलाया! ये पूरी तरह से उनकी गलती नहीं है लेकिन यही सच्चाई है।'
बांग्लादेशी टीम में शामिल हैं कई दक्षिण अफ्रीकी कोच
बांग्लादेश के कोचिंग स्टाफ में कई विदेशी शामिल हैं, जिनमें बैटिंग कोट नील मैकेंजी, मुख्य कोच रसेल डोमिंगो, फील्डिंग कोच रेयान कुक और फीजियो जूलियन कालेफाटो शामिल हैं, ये सभी दक्षिण अफ्रीका के हैं। गिब्स ने मैकेंजी का उदाहरण दिया, जिन्हें भाषा की वजह से ही बांग्लादेश के साथ काम करने में परेशानी हुई थी।
गिब्स ने कहा, 'भाषा की बाधा एक मुद्दा है। मैं खिलाड़ियों से भी ऐसे ही बात करना पसंद करूंगा, जैसे कि मैं आपसे बात कर रहा हूं, और उम्मीद करता हूं कि वे हर शब्द समझें। दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं है और ये हताश करने वाला है।'
उन्होंने कहा, 'मुझे (हंसते हुए) नहीं पता कि जब मैकेंजी उन्हें कोचिंग देते हैं, तो वह उन्हें कैसे समझते हैं। वह दक्षिण अफ्रीका से हैं और मैं भी वहीं से हूं। वह (मैकेंजी) भी उनमें सुधार की कोशिश कर रहे हैं। मैकेंजी अच्छे कोच हैं और खिलाड़ी उनसे काफी कुछ सीखेंगे। लेकिन मुझे नहीं पता कि खिलाड़ी वास्तव में उनसे कितना सीख पा रहे हैं। शायद मुझे अगले साल यहां आने से पहले एक नई भाषा सीखनी पड़ेगी।'