विशाखापत्तमः गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने आईसीसी महिला एकदिवसीय विश्व कप में बृहस्पतिवार को बांग्लादेश को 10 विकेट से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। कंगारू टीम 5 मैच में 4 जीत के साथ 9 अंक लेकर अंक तालिका में नंबर-1 पर है। बांग्लादेश की टीम 5 मैच में 1 जीत और 4 हार के साथ 2 अंक लेकर टॉप-5 टीम लिस्ट से बाहर है। ऑस्ट्रेलिया के लिए एलिसा हीली और फोबे लिचफील्ड ने कमाल की बल्लेबाजी की और पहले विकेट के लिए नाबाद 202 रन की साझेदारी की। हीली ने भारत के बाद बांग्लादेश के खिलाफ शतक पूरे किए। फोबे ने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में पहुँच गया है। यह 10 विकेट से एक बड़ी जीत है।
महिला विश्व कप में सर्वाधिक शतक-
5 - नैट साइवर-ब्रंट (इंग्लैंड)
4 - जेनेट ब्रिटिन (इंग्लैंड)
4 - चार्लोट एडवर्ड्स (इंग्लैंड)
4 - सूजी बेट्स (न्यूजीलैंड)
4 - एलिसा हीली (ऑस्ट्रेलिया)*।
महिला विश्व कप में लगातार शतक-
डेबी हॉकली (100 और 100*) 1997
एलिसा हीली (129 और 170) 2022
एलिसा हीली (142 और 113*) 2025।
महिला वनडे विश्व कप में सबसे तेज़ शतक (गेंदों के हिसाब से)-
71 - डिएंड्रा डॉटिन बनाम पाकिस्तान, लीसेस्टर, 2017
73 - एलिसा हीली बनाम बांग्लादेश, विशाखापत्तनम, 2025*
76 - नेट साइवर-ब्रंट बनाम पाकिस्तान, लीसेस्टर, 2017
77 - ऐश गार्डनर बनाम न्यूजीलैंड, इंदौर, 2025
79 - नेट साइवर-ब्रंट बनाम ऑस्ट्रेलिया, हैमिल्टन, 2022।
महिला वनडे विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की यह आठवीं और 2005 के बाद पहली 10 विकेट की जीत है। किसी भी टीम ने ऐसा तीन बार से ज़्यादा नहीं किया है (इंग्लैंड)। 202* रनों की साझेदारी। बांग्लादेश महिला टीम के खिलाफ वनडे में किसी भी विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है, जो 2023 में बेनोनी में दक्षिण अफ्रीका की तस्मिन ब्रिट्स और वोल्वार्ड्ट के बीच पहले विकेट के लिए 243 रनों की थी।
वनडे विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के लिए सर्वोच्च साझेदारियां-
220 - आर बकस्टीन और एल रीलर बनाम न्यूजीलैंड, पर्थ, 1988 (पहला विकेट)
216 - ए हीली और आर हेन्स बनाम वेस्टइंडीज, वेलिंगटन, 2022 (पहला विकेट)
202* - ए हीली और पी लिचफील्ड बनाम बांग्लादेश विजाग, 2025 (पहला विकेट)*
196 - आर हेन्स और एम लैनिंग बनाम इंग्लैंड, हैमिल्टन, 2022 (दूसरा विकेट)।
महिला वनडे में बिना विकेट खोए हासिल किया गया सर्वोच्च लक्ष्य-
218- ऑस्ट्रेलिया-महिला बनाम आयरलैंड-महिला, डबलिन, 2023
199-ऑस्ट्रेलिया-महिला बनाम बांग्लादेश-महिला, विजाग, 2025 विश्व कप*
174- भारत बनाम श्रीलंका, पल्लेकेले, 2022
164 ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका, बेंगलुरु, 1997
163- ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड, मेलबर्न, 2010।
गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने गेंदबाजों के अनुशासित प्रदर्शन के बाद सलामी बल्लेबाज और कप्तान एलिसा हीली के नाबाद शतक और फोएबे लिचफील्ड के साथ उनकी पहले विकेट की अटूट साझेदारी से आईसीसी महिला एकदिवसीय विश्व कप में बृहस्पतिवार को यहां बांग्लादेश को 10 विकेट से रौंद दिया।
बांग्लादेश के 199 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान हीली (नाबाद 113 रन, 77 गेंद, 20 चौके) और लिचफील्ड (नाबाद 84 रन, 72 गेंद, 12 चौके, एक छक्का) के बीच पहले विकेट की 202 रन की अटूट साझेदारी से 151 गेंद शेष रहते बिना विकेट खोए 202 रन बनाकर बेहद आसान जीत दर्ज की।
ऑस्ट्रेलिया ने इससे पहले एलेना किंग (18 रन पर दो विकेट), जॉर्जिया वेयरहैम (22 रन पर दो विकेट), एनाबेल सदरलैंड (41 रन पर दो विकेट) और ऐशलेग गार्डनर (48 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी की बदौलत बांग्लादेश को नौ विकेट पर 198 रन पर रोक दिया। बांग्लादेश ने ऑस्ट्रेलिया की अनुशासित गेंदबाजी के सामने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए।
शोभना मोस्तरी ने एक छोर संभाले रखा और 80 गेंद में नौ चौकों की मदद से नाबाद 66 रन की पारी खेलते हुए टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। मोस्तरी की यह पारी महिला क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बांग्लादेश की किसी भी बल्लेबाज का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। सलामी बल्लेबाज रूबया हैदर ने भी 44 रन की उम्दा पारी खेली।
लक्ष्य का पीछा करते हुए कप्तान एलिसा और लिचफील्ड ने ऑस्ट्रेलिया को शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया और बांग्लादेश को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। फरीहा तृष्णा ने गेंदबाजी की शुरुआत मेडन ओवर के साथ की लेकिन उनके अगले ओवर में लिचफील्ड ने दो चौके मारे।
एलिसा ने निशिता अख्तर पर पारी का अपना पहला चौका जड़ा और फिर फरीहा पर लगातार तीन चौके मारे। लिचफील्ड ने निशिता पर चौके के साथ आठवें ओवर में ऑस्ट्रेलिया के रनों का अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने ओवर की अंतिम दो गेंद पर भी लगातार दो चौके मारे। एलिसा ने रितु मोनी पर लगातार दो चौकों के साथ 10 ओवर में ऑस्ट्रेलिया का स्कोर बिना विकेट खोए 78 रन तक पहुंचाया।
लिचफील्ड ने 13वें ओवर में फाहिमा खातून पर पारी का पहला छक्का जड़ा। वह हालांकि अगले ओवर में भाग्यशाली रहीं जब रितु मोनी की गेंद पर विकेटकीपर ने उन्हें स्टंप करने का मौका गंवा दिया। उन्होंने इसी ओवर में एक रन के साथ टीम के रनों का शतक पूरा किया जो टूर्नामेंट में किसी टीम का सबसे तेज शतक है।
एलिसा ने अगले ओवर में फरीहा की गेंद पर एक रन के साथ 43 गेंद में विश्व कप का चौथा और कुल 19वां अर्धशतक पूरा किया। लिचफील्ड ने भी रितु की गेंद पर एक रन के साथ 46 गेंद में विश्व कप का अपना पहला अर्धशतक जड़ा। अर्धशतक पूरा करने के बाद एलिसा ने और अधिक आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने शोर्ना अख्तर और रितु पर लगातार दो-दो चौके मारे।
एलिसा ने रितु की गेंद पर एक रन के साथ 73 गेंद में शतक पूरा किया और फिर इसी ओवर में लगातार तीन चौकों के साथ टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचाया। लिचफील्ड ने फरीहा पर लगातार दो चौकों के साथ ऑस्ट्रेलिया की जीत सुनिश्चित की। इससे पहले शोभना और रूबया के उम्दा प्रदर्शन के बावजूद बांग्लादेश की पारी कभी जरूरी गति नहीं पकड़ पाई और सात बार के चैंपियन के खिलाफ बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही। रूबया और फरगाना हक ने नौ ओवर में 32 रन जोड़कर बांग्लादेश को सतर्क शुरुआत दिलाई।
मेगान शुट (11 रन पर एक विकेट) ने फरगाना को स्लिप में बेथ मूनी के हाथों कैच कराके ऑस्ट्रेलिया को पहली सफलता दिलाई। रूबया ने आक्रामक रुख अपनाया और अपनी 59 गेंद की पारी में आठ चौके जड़े। उन्होंने सदरलैंड की आधी पिच पर गिरी गेंद को खूबसूरती से कवर्स के ऊपर से बाउंड्री तक पहुंचाया और फिर अगली गेंद पर भी चौका जड़ा।
रूबया ने कुछ शानदार ड्राइव लगाए। उन्होंने 18वें ओवर में ऐशलेग गार्डनर की गेंद को मिड ऑफ क्षेत्र से बाउंड्री तक पहुंचाया लेकिन दो गेंद बाद मिड ऑन के ऊपर से शॉट खेलने की कोशिश में ताहलिया मैकग्रा को कैच थमा बैठीं। गार्डनर ने 22वें ओवर में शरमीन अख्तर (19) को मिड ऑन पर सदरलैंड के हाथों कैच कराके बांग्लादेश को एक और झटका दिया।
कप्तान निगार सुल्ताना 35 गेंद में 12 रन की पारी के दौरान संघर्ष करती दिखीं। लेग स्पिनर एलेना ने उन्हें विकेटकीपर कप्तान एलिसा हीली के हाथों स्टंप कराया। मोस्तरी ने एक छोर संभाले रखा लेकिन बांग्लादेश ने दूसरे छोर से लगातार विकेट गंवाए और शोर्ना अख्तर (07), रितु मोनी (02), फाहिमा खातून (04), राबिया खान (06) और निशिता अख्तर (01) जैसी बल्लेबाज दोहरे अंक में भी पहुंचने में नाकाम रहीं।