कांग्रेस समिति के साथ अमरिंदर की मैराथन बैठक, जल्द सोनिया को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

By भाषा | Published: June 04, 2021 8:00 PM

Open in App

नयी दिल्ली, चार जून पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित समिति के साथ शुक्रवार को मैराथन बैठक की और अपनी सरकार एवं मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया।

बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने इस मुलाकात का ब्यौरा देने से इनकार किया। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को सबको मिलकर जीतना है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह से इस मुलाकात के साथ ही समिति की संवाद करने की कवायद पूरी हो गई। अब वह जल्द ही आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

समिति की इस पूरी कवायद से अवगत एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मुख्यमंत्री के साथ करीब तीन घंटे तक चली बैठक में पार्टी में सहमति बनाने और अगले साल चुनाव जीतने के लिए जरूरी रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में समिति को अपनी सरकार और मंत्रियों के कामकाज का ब्यौरा भी दिया।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘समिति की शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के बाद संवाद की प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके बाद समिति जल्द ही कांग्रेस आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले चार दिनों में, कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है। इनमें अधिकतर विधायक हैं।

खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं।

गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है।

विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

कांग्रेस सूत्रों की मानें तो समिति के सदस्य अपनी रिपोर्ट में आलाकमान को कुछ फार्मू्ला सुझा सकते हैं जिसका मकसद सिद्धू को सरकार या संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देना और सामाजिक समीकरण को भी साधना हो सकता है।

पिछले कुछ महीने से यह चर्चा चली आ रही है कि सिद्धू सरकार में उप मुख्यमंत्री या फिर संगठन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की भूमिका चाहते हैं, हालांकि पूर्व क्रिकेटर की तरफ से बार-बार यह कहा जाता रहा है कि वह पद के लिए नहीं, बल्कि पंजाब एवं पंजाबियों के अधिकार की बात करते हैं।

सूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान को अपने इस रुख से पहले ही अवगत करा चुके हैं कि उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सिख को देने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा क्योंकि इस समाज से ही मुख्यमंत्री खुद हैं तथा हिंदू समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देना है।

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू को अहम जिम्मेदारी देने के साथ ही दलित (हिंदू) समुदाय के किसी नेता को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी देने पर विचार कर सकता है ताकि अगले चुनाव में सामाजिक समीकरण को साधा जा सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

संबंधित बातम्या

क्रिकेट अधिक बातम्या