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अनिल अंबानी के रिलायंस हेडक्वॉर्टर पर इस बैंक ने कर लिया कब्जा, 2892 करोड़ रुपये का है लोन

By भाषा | Updated: July 30, 2020 11:36 IST

अनिल अंबानी समूह के मुंबई स्थित उपनगर सांताक्रूज के मुख्यालय को यस बैंक ने अपने कब्जे में ले लिया है। बैंक ने ये कदम 2,892 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज नहीं चुकाने की वजह से लिया है। अनिल अंबानी समूह की कंपनियों की वित्तीय हालत पिछले कुछ सालों से काफी खराब होती गई हैं।

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ठळक मुद्देअनिल अंबानी समूह के मुंबई के सांताक्रूज में स्थित हेडक्वॉर्टर पर यस बैंक का कब्जायस बैंक ने 2,892 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज नहीं चुकाने की वजह से किया कब्जा

निजी क्षेत्र के यस बैंक ने 2,892 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज नहीं चुकाने की वजह से अनिल अंबानी समूह के उपनगर सांताक्रूज के मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है। यस बैंक की ओर से बुधवार को अखबार में दिए गए नोटिस के अनुसार बैंक ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा बकाये का भुगतान नहीं करने के चलते दक्षिण मुंबई के दो फ्लैटों का कब्जा भी अपने हाथ में ले लिया है।

अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की लगभग सभी कंपनियां सांताक्रूज कार्यालय ‘रिलायंस सेंटर’ से परिचालन कर रही हैं। हालांकि, पिछले कुछ साल के दौरान समूह की कंपनियों की वित्तीय स्थिति काफी खराब हो गई है। कुछ कंपनियां दिवालिया हो गई हैं, जबकि कुछ को अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी है।

यस बैंक ने कहा कि उसने छह मई को रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को 2,892.44 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने का नोटिस दिया था। 60 दिन के नोटिस के बावजूद समूह बकाया नहीं चुका पाया। जिसके बाद 22 जुलाई को उसने तीनों संपत्तियों का कब्जा ले लिया। बैंक ने आम जनता को आगाह किया है कि वह इन संपत्तियों को लेकर किसी तरह का लेनदेन नहीं करे।

एडीएजी समूह पिछले साल इसी मुख्यालय को पट्टे पर देना चाहता था ताकि वह कर्ज चुकाने के लिए संसाधन जुटा सके। यह मुख्यालय 21,432 वर्ग मीटर में है। दो अन्य संपत्तियां दक्षिण मुंबई के नागिन महल में हैं। ये दोनों फ्लैट क्रमश: 1,717 वर्ग फुट और 4,936 वर्ग फुट के हैं। उल्लेखनीय है कि यस बैंक के डूबे कर्ज की एक बड़ी वजह एडीएजी समूह की कंपनियों को दिया गया कर्ज है।

गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के ऊंचे स्तर की वजह से भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ ने बैंक में 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालकर उसे संकट से बाहर निकाला है। बैंक के लिए राहत पैकेज से पहले सरकार और रिजर्व बैंक ने मार्च में यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और निदेशक मंडल की नियुक्ति की थी।

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