डब्ल्यूटीओ समिति के फैसले से चीनी मिलों, गन्ना किसानों, निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा : इस्मा

By भाषा | Updated: December 15, 2021 18:27 IST2021-12-15T18:27:46+5:302021-12-15T18:27:46+5:30

WTO committee's decision will not affect sugar mills, sugarcane farmers, exports: ISMA | डब्ल्यूटीओ समिति के फैसले से चीनी मिलों, गन्ना किसानों, निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा : इस्मा

डब्ल्यूटीओ समिति के फैसले से चीनी मिलों, गन्ना किसानों, निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा : इस्मा

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर चीनी उद्योग के निकाय इस्मा ने बुधवार को कहा कि चीनी क्षेत्र के लिए भारत के समर्थन उपायों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) समिति के फैसले से मिलों और गन्ना किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने यह भी कहा कि मौजूदा विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए निर्यात को कोई वित्तीय सहायता नहीं होने के बावजूद देश के चीनी निर्यात को नुकसान नहीं होगा।

मंगलवार को डब्ल्यूटीओ के एक विवाद निपटान पैनल ने फैसला सुनाया कि चीनी क्षेत्र के लिए भारत के समर्थनकारी उपाय वैश्विक व्यापार मानदंडों से तालमेल नहीं खाते थे।

इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए वर्मा ने कहा कि सरकार पहले ही समिति के निष्कर्षों को खारिज कर चुकी है और उसने इसके खिलाफ विश्व व्यापार संगठन के अपीलीय प्राधिकरण में जाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही तर्क दिया है कि ब्राजील, ग्वाटेमाला और ऑस्ट्रेलिया की शिकायतों पर निर्णय लेते समय डब्ल्यूटीओ समिति को प्रस्तुत किए गए सभी तथ्यों और आंकड़ों पर उचित रूप से विचार नहीं किया गया है।

वर्मा ने कहा, ‘जैसे ही भारत सरकार अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील करती है, विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुसार मौजूदा सब्सिडी और घरेलू बाजार का समर्थन तब तक जारी रखा जा सकता है जब तक कि अपीलीय प्राधिकारी द्वारा कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता है।’’

दूसरे, उन्होंने कहा, अभी तक चीनी के लिए कोई निर्यात सब्सिडी नहीं है और ‘‘इसलिए भारतीय चीनी निर्यात के संबंध में डब्ल्यूटीओ समिति के आदेश का कोई प्रभाव नहीं होगा।’’

इस्मा महानिदेशक ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दी जा रही निर्यात सब्सिडी विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप थी।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा विश्व व्यापार संगठन के नियम चीनी और गन्ने सहित किसी भी वस्तु के लिए घरेलू बाजार समर्थन की अनुमति देते हैं, जिसमें सरकार वस्तु के मूल्य का 10 प्रतिशत तक बाजार समर्थन दे सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने बार-बार कहा है कि गन्ने पर घरेलू बाजार का समर्थन विश्व व्यापार संगठन की अनुमति वाली सीमा के अंदर है।’’

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ने अपने हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और रिपोर्ट के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में अपील दायर की है, ताकि अपने किसानों के हितों की रक्षा की जा सके।

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Web Title: WTO committee's decision will not affect sugar mills, sugarcane farmers, exports: ISMA

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