WPI Inflation: सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन सस्ते?, अगस्त में 1.31 प्रतिशत, लगातार दूसरे माह महंगाई पस्त, देखें आंकड़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 17, 2024 16:36 IST2024-09-17T13:09:30+5:302024-09-17T16:36:36+5:30

WPI Inflation: आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था।

WPI Inflation Vegetables, food items fuel cheaper 1-31 percent inflation in August second consecutive month, see figures | WPI Inflation: सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन सस्ते?, अगस्त में 1.31 प्रतिशत, लगातार दूसरे माह महंगाई पस्त, देखें आंकड़े

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Highlightsकपड़ा विनिर्माण तथा मशीनरी और उपकरण आदि के विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि हुई। खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही।सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

WPI Inflation: सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक मुद्रास्फीति अगस्त में चार महीने के निचले स्तर 1.31 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, प्याज और आलू की कीमतों में तेजी रही। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई, जबकि मई में यह 3.43 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। जुलाई में 2.04 प्रतिशत और अगस्त 2023 में इसमें 0.46 प्रतिशत की गिरावट आई थी। उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘....अगस्त 2024 में खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, कपड़ा विनिर्माण तथा मशीनरी और उपकरण आदि के विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि हुई।’’

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। आलू और प्याज की मुद्रास्फीति अगस्त में क्रमश: 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही।

वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज ने बयान में कहा, ‘‘अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक में नरमी का कारण खाद्य (सब्जी) कीमतों में क्रमिक गिरावट है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा कि हालांकि खरीफ की बुवाई अब तक अच्छी रही है, लेकिन चालू महीने में अतिरिक्त वर्षा से खरीफ की कटाई में देरी हो सकती है।

इससे पैदावार भी प्रभावित हो सकती है, हालांकि अखिल भारतीय स्तर पर जलाशयों में पर्याप्त भंडारण होने से रबी फसलों की बुवाई में तेजी आने की संभावना है। वहीं बार्कलेज ने कहा कि ऊर्जा और धातु की कीमतों में गिरावट के कारण विनिर्माण लागत में कमी आने से मुख्य उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति पर प्रभाव पड़ने का जोखिम कम हो गया है।

अगस्त माह में विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 1.22 प्रतिशत रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति जुलाई में 1.72 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 0.67 प्रतिशत रही। इक्रा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जिंस की कीमतें सितंबर 2024 में अभी तक नरम बनी हुई हैं। इससे गैर-खाद्य थोक महंगाई की गति काबू में रहने की संभावना है।

इक्रा का अनुमान है कि थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति के अगस्त के 1.3 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2024 में दो प्रतिशत हो जाएगी। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण अगस्त में 3.65 प्रतिशत रही।

यह जुलाई के 3.60 प्रतिशत से अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था।

Web Title: WPI Inflation Vegetables, food items fuel cheaper 1-31 percent inflation in August second consecutive month, see figures

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