लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। यूपी के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अब तक का राज्य का सबसे बड़ा बजट पेश किया जो 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये का रहा। इस बजट कई अहम घोषणाएं हुई और समाज के हर वर्ग का ध्यान रखने की कोशिश की गई है।
हालांकि जब राज्य के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट भाषण पढ़ना शुरू किया तब सबकी नजर इस बात पर थी कि इसमें अल्पसंख्यकों, मुसलमानों और मदरसों के लिए क्या प्रावधान किया गया है। पिछले कुछ समय से मदरसों पर सख्त रवैया अपनाने वाली योगी सरकार के बजट का सबका इंतजार था। बताते हैं कि यूपी सरकार के बजट में अल्पसंख्यकों को लेकर क्या घोषणाएं की गई हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश के बजट में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए बच्चों को छात्रवृत्ति देने प्रावधान है। अल्पसंख्यक समुदाय के जिन बच्चों के अभिभावकों की अधिकतम वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए तक है, उनके लिए अधिकतम 3000 रुपये सालाना स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया गया है। ये योजना केवल कक्षा 9 और 10 में पढ़ रहे अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं के लिए है।
10वीं के आगे के उन छात्र/छात्राओं इस योजना का लाभ मिलेगा जिनके भिभावकों की अधिकतम वार्षिक आय 2 लाख रुपये तक है। अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में लड़कियों की बेहतर शिक्षा के लिए छात्रावास निर्माण/विद्यालय भवन निर्माण के लिए 6 करोड़ 81 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा मदरसों/मकतबों में हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि पढ़ाने वाले स्नातक शिक्षक को रुपए 6000/- प्रति माह, परास्नातक के साथ बीएड शिक्षकों को रुपए 12,000/- प्रतिमाह की दर से मानदेय के भुगतान की व्यवस्था है। मदरसों में कंप्यूटर लैब की स्थापना के लिए 1 लाख रुपये प्रति मदरसा अनुदान दिये जाने की व्यवस्था भी की गई है।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं की बात करें तो कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 1 से 8 तक के 2 करोड़ छात्र-छात्राओं के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोजे के लिए 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं ।