अमेरिका में अमेजॉन के गोदाम-श्रमिक यूनियन बनाने के मुद्दे कर रह हैं वोट

By भाषा | Updated: March 29, 2021 22:39 IST2021-03-29T22:39:10+5:302021-03-29T22:39:10+5:30

Votes are being raised to create amazon warehouse-workers union in America | अमेरिका में अमेजॉन के गोदाम-श्रमिक यूनियन बनाने के मुद्दे कर रह हैं वोट

अमेरिका में अमेजॉन के गोदाम-श्रमिक यूनियन बनाने के मुद्दे कर रह हैं वोट

न्यूयॉर्क 29 मार्च (एपी) अमेरिका में खुदरा कंपनी अमेजॉन के एक गोदाम के करीब 6000 श्रमिक मजदूर संघ बनाने या न बनाने के बारे में तय करने के लिए मतदान कर रहे हैं। यह भंडारण-केंद्र अलबामा प्रांत के बेस्सेमेर में है।

वहां यदि यूनियन बनाने के पक्ष में बहुत का वोट पड़ा तो यह इस आन-लानइ खुदारा प्लेटफार्म के इतिहास में श्रमिकों के अधिकारों के लिए अब तक का सबसे बड़ा संगठित प्रयास होगा। इससे पूरे अमेरिका में इस कंपनी के श्रमिक इस तरह का कदम उठाने को प्रेरित हो सकते हैं। इस तरह इस मतदान में कंपनी का बड़ा हित दाव पर लगा है।

यही नहीं, श्रम मामलों के कुछ वकीलों का मनना है कि अमेजॉन की इन घटनाओं का अन्य कंपनियों पर भी असर पड़ सकता है और वहां भी यूनियन की मांग उठ सकती है।

अमेजॉन अमेरिका में निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी नियोक्ता कंपनी है। कंपनी का इतिहास रहा है कि उसने अपने गोदामों और होल फूड्स नाम से परिचालित खुदरा दुकानों में श्रमिक यूनियन बनाने के हर प्रयास को अब तक दबाती आयी है।

बेस्सेमेर गोदाम के श्रमिकों के लिए वोट देने का पूरे सोमवार तक का समय है। यूनियन के गठन के लिए वोट में बहुत के समर्थन की जरूरत होगी। मतों की गिनती मंगवालवार को राष्ट्रीय श्रमिक संबंध परिषद के अधिकरी करेंगे।

अमेजन के कर्मचारी मजदूरी बढ़ाने के अलावा अधिक विश्राम और सम्मानित व्यवहार की मांग कर रहे हैं। उनकी शिकायत है कि उनसे हर रोज दस घंटे कमरतोड़ काम लिया जाता है और बीच में केवल 30 मिनट का विश्राम मिलता है।गोदाम के कर्मचारियों को हमेशा ट्रकों से माल उतारने, चढ़ाने उन्हें रैक पर लगाने याह खोलने के काम में पिले रहना पड़ता है।

एक मजदूर ने हाल में सीनेट की एक समिति से कहा कि उनका काम बहुत अधिक मेहनत का है। उन पर पूरे दिन निगाह रखी जाती है और किसी ने कहीं थोड़ा ज्यादा आराम कर लिया तो उसकों दंड दिया जाता है या वह निकाल भी दिया जाता है।

अमेजॉन भर्तियां करते समय अपने भंडार केंद्रों के काम के विवरण में बताती है कि यह काम ‘ तेजी से किया जाने वाला शारीरिक काम होता है जहां आप को हमेशा खड़े रहना और चलना पड़ता है।’

कंपनी का कहना है कि वह वहां हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर दे रही है। श्रमिकों को औसतन प्रति घंटा 15.30 डालर की दर से मजूदरी दी जाती है। यह अलबामा प्रांत में न्यूनतम मजदूरी का दो गुना है। कंपनी का यह भी कहना है कि उसके यहां श्रमिकों को स्वाथ्य सुविधा और आंख तथा दात का बीमा भी संरक्षण भी दिया जाता है और उन्हें यूनियन का कोई चंदा नहीं कटवाना होता है।

कंपनी ने मजदूरों के लिए एक वेब साइट बना रखी है। उस पर श्रमिकों को बताया जाता है कि यूनियन में जाने पर उनकों हर माह 500 डालर चंदा देना पड़ सकता है। यह धन वे अपने खाने पीने या बच्चों के स्कूल के सामान पर खर्च कर सको हैं।

श्रम संगठन के इतिहास के जानकार लोगों का कहना है कि यह आंदोलन इस समय इस लिए खड़ा हुआ है क्यों कि मजदूर कोरोना वायर महामारी के दौर में अपने प्रतिष्ठान में नियोक्ताओं द्वारा ठगा महसूस करने लगे हैं। उनका कहना है प्रतिष्ठान ने वायरस से उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं किया। अमेजॉन के बारे में ही बताया गया कि कर्मचारियों को कंपनी की ओर से संक्रमण से बचाव के सामान नहीं दिए गए और किसी सहकर्मी के संक्रमित होने की सूचना तक नहीं दी गयी।

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