नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यूनिफाइनड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में ऐसा नहीं है कि इसे लागू करना हर राज्य के लिए जरूरी है, इसके लिए वे स्वतंत्र हैं। हालांकि, उन्होंने इस पर आशा जताई है कि ज्यादा से ज्यादा राज्य इस योजना को अपनाएंगे और होगा ये कि ज्यादा कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। गौरतलब है कि उन्होंने बताया यूपीएस मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सुधार करने का एक प्रयास है। यूपीएस के तहत सुनिश्चित पेंशन शुरू करने से कोई रोलबैक या यू-टर्न नहीं होगा। यह स्पष्ट रूप से एक नया पैकेज है।
इस योजना के लागू होने के बाद कांग्रेस ने इसे 'रोलबैक सरकार' करार दिया था। इसके जवाब में सीतारमण ने कांग्रेस को नारा लगाने वाली पार्टी कहा था। सीतारमण ने कहा कि यूपीएस का लक्ष्य पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और एनपीएस से उत्पन्न मुद्दों का समाधान करना है।
सीतारमण ने कहा, "यदि सेवा अवधि 25 वर्ष से कम है तो यूपीएस के तहत लाभ आनुपातिक आधार पर दिया जाएगा। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण यूपीएस के तहत धन का प्रबंधन करना जारी रखेगा"। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यूपीएस (UPS) के तहत कर ट्रीट करने में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन लाभ में एक महत्वपूर्ण ग्रोथ को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को यूपीएस को मंजूरी दे दी थी, जो 25 वर्ष की न्यूनतम योग्यता सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन प्रदान करता है।
9 सितंबर को होने वाली आगामी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक पर अलग से चर्चा करते हुए, सीतारमण ने कहा, दरों को तर्कसंगत बनाना एजेंडे में होगा। हालांकि, अगली बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए मंत्रियों का समूह और बैठकें करेगा।
सरकार के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष के 1 अप्रैल से प्रभावी यूपीएस से 2.3 मिलियन से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा। पेंशन राशि न्यूनतम 10 वर्ष तक की छोटी सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगी। सरकार के मुताबिक, पहले वर्ष में लगभग 6,250 करोड़ रुपये की वार्षिक लागत वृद्धि के साथ बकाया का खर्च 800 करोड़ रुपये होगा।
इस योजना में दो अतिरिक्त घटक पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन शामिल है। सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन घटक के तहत, कर्मचारी के परिवार को उनकी मृत्यु पर तत्काल पेंशन का 60 फीसद प्राप्त होगा। यूपीएस में न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति महीने की सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन शामिल है।