Ujjwala Yojana: उज्ज्वला योजना के तहत अब तक दिए गए 9.60 करोड़ कनेक्शन, मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा-लाभार्थियों के बीच प्रति व्यक्ति औसत खपत 3 से बढ़कर 3.71
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 31, 2023 09:47 PM2023-07-31T21:47:34+5:302023-07-31T21:49:02+5:30
Ujjwala Yojana: आर्थिक रूप से कमजोर और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन प्रदान करने की खातिर 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी।
Ujjwala Yojana: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 9.60 करोड़ कनेक्शन दिए गए हैं और ऐसे लाभार्थियों के बीच प्रति व्यक्ति औसत खपत 3 से बढ़कर 3.71 हो गई है।
आर्थिक रूप से कमजोर और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन प्रदान करने की खातिर 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी। पुरी ने कहा कि भारत अपनी घरेलू एलपीजी खपत के 60 प्रतिशत से अधिक का आयात करता है और देश में एलपीजी के मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसके मूल्य से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 400 से 700 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन के बीच रही है और करीब दो साल तक यह कीमत 700 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन से भी अधिक रही। पुरी ने कहा कि इस तिमाही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि के बाद भी उसका पूरा भार आम उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया। इस वजह से तेल विपणन कंपनियों (ओएमसीज) को करीब 28,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 22,000 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया है।
पुरी राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी वृद्धि का पूरा बोझ आम लोगों पर नहीं पड़ने दिया और कीमतों में कमी के लिए उत्पाद शुल्क में कमी या ‘वैट’ में कमी जैसे कदम उठाए गए हैं।
पुरी ने इस क्रम में पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसने पेट्रोलियम कीमतों में कमी के लिए तेल बॉंड जारी किए जिसका खामियाजा इस सरकार को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि तेल बॉंड जारी करने की स्थिति वैसी ही थी जैसे ‘‘दादा ऋण ले और उसके पोते को वह ऋण चुकाना पड़े।’’