गूगल तक पहुंची छंटनी की दस्तक, 10 हजार नौकरियों पर लटकी तलवार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 22, 2022 12:28 PM2022-11-22T12:28:32+5:302022-11-22T12:41:52+5:30
गूगल अपनी रैंकिंग और प्रदर्शन सुधार योजना का हवाला देते हुए 10,000 कर्मचारियों को कम करने की योजना बना रहा है।
केलिफोर्निया: ट्विटर, फेसबुक और अमेजन से होते हुए अब इंटरनेट सर्च इंजन के दहलीज पर भी छंटनी ने दस्तक दे दी है। गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट भी कथित तौर पर लगभग 10,000 या कुल कर्मचारियों के 6 फीसदी को "खराब प्रदर्शन" का हवाला देते हुए नमस्ते करने का प्लॉन बना रही है।
खबरों के अनुसार गूगल अपनी रैंकिंग और प्रदर्शन सुधार योजना का हवाला देते हुए 10,000 कर्मचारियों को कम करने की योजना बना रहा है। इस संबंध में कहा जा रहा है कि गूगल का प्रबंधन निकाले जाने वाले कर्मचारियों को बोनस और स्टॉक अनुदान का भुगतान करने से बचने के लिए उनके मिली रेटिंग का उपयोग कर सकता है। इसके अलावा नए सिस्टम में उन कर्मचारियों के रेटिंग प्रतिशत को कम करती है, जो उच्च रेटिंग प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा रिपोर्ट की माने तो गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट द्वारा जारी की गई नई प्रदर्शन प्रणाली बोनस और स्टॉक अनुदान के भुगतान से बचने के लिए रेटिंग का सहारा ले सकती है। अल्फाबेट ने अभी तक इस संबंध में जारी रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं की है।
जानकारी के मुताबिक इस समय अल्फाबेट में लगभग 187,000 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) फाइलिंग के अनुसार, पिछले साल अल्फाबेट के एक कर्मचारी के लिए औसत मुआवजा लगभग 295,884 डॉलर था।
अल्फाबेट ने तीसरी तिमाही में 13.9 बिलियन डॉलर का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो कि एक साल पहले की तुलना में 27 प्रतिशत कम है। जबकि वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच गूगल का रेवेन्यू 6 फीसदी बढ़कर 69.1 बिलियन डॉलर हो गया है। वहीं कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई अल्फाबेट में 20 फीसदी ज्यादा नौकरियों में कटौती करना चाहते हैं।
गूगल में छंटनी के संबंध में इससे पहले एक रिपोर्ट्स सामने आई थीं, जिसमें बताया गया था कि अल्फाबेट कुछ कर्मचारियों को कंपनी में नई भूमिका के लिए आवेदन करने के लिए 60 दिन का समय दिया था, जिनकी नौकरी पर छंटनी की तलवार लटकी थी। पिचाई ने कहा था कि कंपनी अभी भी क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी लंबी अवधि की परियोजनाओं में निवेश कर रही है। जिसके लिए कंपनी को कई रणनीति बनानी पड़ रही है।