फ्यूचर की रिलायंस सौदे में हस्तक्षेप नहीं करने की याचिका पर अदालत ने अमेजन से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: November 10, 2020 19:41 IST2020-11-10T19:41:30+5:302020-11-10T19:41:30+5:30

The court sought a response from Amazon on Future's plea not to interfere in the Reliance deal | फ्यूचर की रिलायंस सौदे में हस्तक्षेप नहीं करने की याचिका पर अदालत ने अमेजन से जवाब मांगा

फ्यूचर की रिलायंस सौदे में हस्तक्षेप नहीं करने की याचिका पर अदालत ने अमेजन से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 10 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लि. (एफआरएल) की रिलायंस सौदे में हस्तक्षेप नहीं करने की याचिका पर अमेजन से जवाब मांगा है। फ्यूचर रिटेल ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनी सिंगापुर के अंतराष्ट्रीय पंचाट के एक अंतरिम आदेश के आधार पर 24,713 करोड़ रुपये के इस सौदे में कथित तौर पर हस्तक्षेप कर रही है।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने एफआरएल की याचिका पर अमेजन, फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लि. (एफसीपीएल) तथा रिलायंस रिटेल लि. को समन जारी कर 30 दिन के अंदर अपना लिखित जवाब देने को कहा है। अदालत ने यह भी कहा कि अमेजन ने इस मुकदमे के आधार पर सवाल उठाए हैं। इस मामले को खुला रखा जाएगा। अदालत ने दिनभर चली सुनवाई के दौरान एफआरएल, रिलायंस और अमेजन की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया है।

अमेजन की ओर से दलीलें बुधवार को भी जारी रहेंगी।

सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) ने 25 अक्टूबर को पारित अंतरिम आदेश में एफआरएल के अपनी संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी थी।

इसके बाद अमेजन ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), शेयर बाजारों तथा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को पत्र लिखकर सिंगापुर पंचाट के अंतरिम आदेश पर विचार को कहा था। अमेजन का कहना था कि यह बाध्यकारी आदेश है। एफआरएल ने उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह अमेरिकी की ई-कॉमर्स कंपनी को एसआईएसी के आदेश को लेकर सेबी, सीसीआई और अन्य नियामकों को पत्र लिखने से रोके। उसने कहा कि यह उसके रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ करार में हस्तक्षेप होगा।

एफआरएस के वकील हरीश साल्वे ने अदालत को बताया कि उनका मुवक्किल एआईएसी के नियमों के तहत आपातकालीन पंचाट (ईए) के फैसले को चुनौती नहीं दे रहा है क्योंकि भारतीय कानूनों के तहत इसको मान्यता नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारतीय मध्यस्थता कानून में ईए (आपातकालिक मध्यस्थता) की अवधारणा नहीं है और वह सिर्फ यह चाहते हैं कि अमेजन को रिलायंस रिटेल और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लि. के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे में हस्तक्षेप से रोका जाए।

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Web Title: The court sought a response from Amazon on Future's plea not to interfere in the Reliance deal

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