Stock Market Crash: 6,03,862.06 करोड़ रुपये डूूबे?, 84.07 डॉलर पर बंद हुआ रुपया, आखिर क्या है वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 17, 2024 18:15 IST2024-10-17T18:14:33+5:302024-10-17T18:15:21+5:30
Stock Market Crash: बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 6,03,862.06 करोड़ रुपये घटकर 4,57,25,183.01 करोड़ रुपये (5.44 लाख करोड़ डॉलर) रह गया।

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Stock Market Crash: विदेशी कोषों की निकासी के बीच शेयर बाजार में तेज गिरावट से बृहस्पतिवार को निवेशकों की संपत्ति छह लाख करोड़ रुपये घट गयी। बीएसई का 30 शेयर पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 494.75 अंक यानी 0.61 प्रतिशत गिरकर 81,006.61 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 595.72 अंक तक फिसलकर 80,905.64 अंक पर आ गया था। इससे बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 6,03,862.06 करोड़ रुपये घटकर 4,57,25,183.01 करोड़ रुपये (5.44 लाख करोड़ डॉलर) रह गया।
सेंसेक्स की कंपनियों में नेस्ले में तीन प्रतिशत से भी अधिक की गिरावट आई। दैनिक उपभोग के सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली नेस्ले का दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 0.94 प्रतिशत की गिरावट के साथ 899.49 करोड़ रुपये रहने से इसके शेयरों में जबर्दस्त बिकवाली देखी गई। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, टाइटन, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक और टाटा स्टील के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो और भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में तेजी रही।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सीमित दायरे में कारोबार के बाद अंत में पांच पैसे की गिरावट के साथ 84.07 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी कोषों की निकासी, घरेलू शेयर बाजार के नकारात्मक रुख तथा डॉलर की मजबूती से रुपये में गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजारों और मजबूत डॉलर के कारण रुपये में सीमित दायरे में कारोबार हुआ, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और भू-राजनीतिक दबाव ने गिरावट को कम किया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.01 प्रति डॉलर पर खुला।
कारोबार के दौरान यह 83.99 से लेकर 84.07 प्रति डॉलर के दायरे में रहने के बाद अंत में पांच पैसे की गिरावट के साथ 84.07 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 84.02 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि मजबूत डॉलर और कमजोर घरेलू बाजारों के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। एफआईआई की निकासी से रुपये पर और दबाव पड़ सकता है।
हालांकि, कच्चे तेल की नरम कीमतों और पश्चिम एशिया में सीमित भू-राजनीतिक तनाव के कारण रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।’’ चौधरी ने कहा कि व्यापारी खुदरा बिक्री, औद्योगिक उत्पादन और अमेरिका से साप्ताहिक बेरोजगारी दावों के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 83.85 रुपये से 84.30 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत बढ़कर 103.59 हो गया। चौधरी ने कहा, ‘‘चीन के प्रोत्साहन पैकेज से निवेशकों पर सकारात्मक असर नहीं पड़ा, जिससे डॉलर सूचकांक में तेजी आई। ईसीबी की मौद्रिक नीति बैठक के फैसले से पहले कमजोर यूरो ने भी अमेरिकी मुद्रा को समर्थन दिया।
ईसीबी द्वारा ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती किए जाने की उम्मीद है।’’ अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.50 प्रतिशत बढ़कर 74.59 डॉलर प्रति बैरल हो गया। घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसक्स 494.75 अंक घटकर 81,006.61 अंक पर और एनएसई निफ्टी 221.45 अंक की गिरावट के साथ 24,749.85 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को शुद्ध रूप से 3,435.94 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।