नयी दिल्ली, 16 नवंबर केंद्र और राज्य सरकारों ने फर्जी बिल के मामलों में हो रही वृद्धि को देखते हुए इसपर अंकुश लगाने के तरीकों को लेकर सोमवार से चर्चा शुरू की ताकि इस इस तरह के मामलों में लिप्त इकाइयों के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीयन के निलंबन की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी व तेज किया जा सके।
वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि जीएसटी परिषद की विधि समिति (जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ कर अधिकारी शामिल हैं) ने फर्जी बिलों से की जाने वाले धोखाधड़ी तथा जीएसटी पंजीयन की प्रक्रिया को जटिल बनाने पर सोमवार को चर्चा की। इसके अलावा फर्जी बिलों पर लगाम लगाने के लिये जीएसटी अधिनियम में आवश्यक संशोधन समेत विभिन्न न्यायिक कदमों पर भी चर्चा की गयी।
सूत्र ने कहा कि पंजीकरण के निलंबन से संबंधित प्रावधान को भी दुरुस्त किया जा सकता है, ताकि निलंबन व रद्द करने की प्रक्रिया को अधिक कुशल और तेज बनाया जा सके। यह अंतत: समय पर धोखाधड़ी करने वालों को रोकने में मदद करेगा।
सूत्र ने यह भी कहा कि धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में संलिप्त करदाताओं की पहचान करने के लिये डेटा का विश्लेषण करने वाली प्रौद्योगिकियों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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