साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिये सुरक्षा मानदंडों को क्रियान्वित करने की जरूरत: डीजीएफटी

By भाषा | Updated: January 4, 2021 22:51 IST2021-01-04T22:51:52+5:302021-01-04T22:51:52+5:30

Security norms need to be implemented to avoid cyber fraud: DGFT | साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिये सुरक्षा मानदंडों को क्रियान्वित करने की जरूरत: डीजीएफटी

साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिये सुरक्षा मानदंडों को क्रियान्वित करने की जरूरत: डीजीएफटी

नयी दिल्ली, चार जनवरी व्यापार विभाग ने सोमवार को निर्यातकों से साइबर धोखाधड़ी करने वालों से अपने भुगतान को सुरक्षित रखने के लिये सुरक्षा मानदंडों को लागू करने और मजबूत पासवर्ड गतिविधियों का अनुकरण करने का सुझाव दिया। विभाग ने कहा कि एक बार लेन-देन होने पर अधिकारी उसे पलटने के लिये बहुत कुछ नहीं कर सकते।

व्यापार को लेकर परामर्श में विदेश व्यापार महानिदशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने सूचित किया है कि साइबर धोखाधड़ी वाले ईमेल/फिशिंग से द्विपक्षीय व्यापार विवाद बढ़ा रहे है।

डीजीफएटी के अनुसार हालांकि यह साइबर अपराध का मामला है लेकिन प्राधिकरण लेन-देन को पलटने को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कर सकता।

परामर्श में कहा गया है कि धोखाधड़ी के शिकार भारतीय निर्यातक ऐसी स्थिति में फंसते हैं, जहां न तो उनके नियंत्रण में माल होता है और न ही उन्हें भुगतान प्राप्त हुआ है।

डीजीएफटी के अनुसार मामले की जांच के बाद इस प्रकार की समस्याओं का समाधान सुरक्षा मानदंडों के क्रियान्वयन के जरिये किया जा सकता है। इसमें ‘सेंडर पॉलिसी’ रूपरेखा (एसपीएफ), डेामेन कीज आइडेन्टिफाइड मेल (डीकेआईएम) और डोमेन आधारित संदेश सत्यापन रिपोर्टिंग और कॉन्फर्मेंस (डीएमएआरसी) शामिल हैं।

डीजीएफटी के अनुसार एसपीएफ, डीकेआईएम और डीएमआरसी मानक ई-मेल हस्ताक्षर के लिये व्यवस्था है। धोखाधड़ी से बचने के लिये इन तीनों मानदंडों को लागू करने की जरूरत है।

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Web Title: Security norms need to be implemented to avoid cyber fraud: DGFT

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