सेबी ने खुदरा निवेशकों की एल्गो ट्रेडिंग पर नियामकीय ढांचे का प्रस्ताव रखा

By भाषा | Updated: December 9, 2021 19:59 IST2021-12-09T19:59:16+5:302021-12-09T19:59:16+5:30

SEBI proposes regulatory framework on algo trading of retail investors | सेबी ने खुदरा निवेशकों की एल्गो ट्रेडिंग पर नियामकीय ढांचे का प्रस्ताव रखा

सेबी ने खुदरा निवेशकों की एल्गो ट्रेडिंग पर नियामकीय ढांचे का प्रस्ताव रखा

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को एल्गोरिद्म पर आधारित खरीद-बिक्री वाली प्रणाली 'एल्गो ट्रेडिंग' के लिए एक नियामकीय ढांचा बनाने का प्रस्ताव पेश किया।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) खुदरा निवेशकों के लिए एल्गो ट्रेडिंग को सुरक्षित बनाने और बाजार को तिकड़मों से बचाने के लिए यह प्रस्ताव लेकर आया है। इसमें एल्गो ट्रेडिंग के नियमन संबंधी सुझाव पेश गए हैं। इस पर 15 जनवरी तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।

एल्गो ट्रेडिंग में एल्गोरिद्म के आधार पर शेयरों की खरीद या बिक्री का ऑर्डर अपने-आप सक्रिय हो जाता है। इस प्रणाली में शेयरों के भाव पर स्वचालित ढंग से नजर रखी जाती है और पहले से तय मानक पूरा होने पर एक ऑर्डर सक्रिय हो जाता है। इस प्रणाली के होने पर शेयर कारोबारी चढ़ते-उतरते भाव पर लगातार नजर रखने से मुक्त रहता है।

सेबी ने अपने परामर्श पत्र में खुदरा निवेशकों की तरफ से की जाने वाली एल्गो ट्रेडिंग के लिए एक ढांचा खड़ा करने का प्रस्ताव रखा है। फिलहाल स्टॉक एक्सचेंज शेयर दलालों की तरफ से पेश एल्गो ट्रेडिंग की अर्जी को ही मंजूरी देते हैं।

हालांकि खुदरा निवेशकों के एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) पर आधारित एल्गो ट्रेडिंग में न तो एक्सचेंज और न ही शेयर दलाल ही जान पाते हैं कि किसी एपीआई लिंक से निकला कोई कारोबार एल्गो कारोबार है या नहीं।

सेबी ने कहा, "इस तरह के गैर-विनियमित एल्गो बाजार के लिए जोखिम पैदा करते हैं और व्यवस्थित रूप से बाजार की तिकड़म के लिए भी इनका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा खुदरा निवेशकों को भी ऊंचे रिटर्न की गारंटी देकर लुभाया जा सकता है। वहीं एल्गो प्रणाली के नाकाम होने पर खुदरा निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।"

सेबी का परामर्श-पत्र कहता है कि एल्गो प्रणाली मुहैया कराने वाले वेंडरों पर कोई नियमन नहीं होने से निवेशकों के पास शिकायत दर्ज कराने का भी कोई मंच नही होता है।

सेबी ने कहा है कि किसी एपीआई से सृजित होने वाले सभी ऑर्डर को एक एल्गो ऑर्डर माना जाना चाहिए और उन पर शेयर दलाल का नियंत्रण होना चाहिए। दलाल के लिए भी एक्सचेंज से सभी एल्गो की मंजूरी लेना जरूरी किया जाए। इसके अलावा किसी भी तीसरे पक्ष के एल्गो वेंडर को एक्सचेंज से मान्यता नहीं दी जानी चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: SEBI proposes regulatory framework on algo trading of retail investors

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे