सेबी ने लाभांश वितरण नीति का दायरा बढ़ाया, शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों पर होगी लागू
By भाषा | Updated: March 25, 2021 22:24 IST2021-03-25T22:24:06+5:302021-03-25T22:24:06+5:30

सेबी ने लाभांश वितरण नीति का दायरा बढ़ाया, शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों पर होगी लागू
नयी दिल्ली, 25 मार्च भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अब शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए लाभांश वितरण नीति अनिवार्य करने का फैसला किया है। कंपनी संचालन की परिपाटी और सूचनाओं के प्रकाशन की व्यवस्था को मजबूत करने उद्देश्य से नियामक ने यह कदम उठाया है।
सेबी के निदेशक मंडल की बृहस्पतिवार को बैठक संपन्न हुई। बैठक के बाद सेबी ने कहा, ‘‘अब बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए लाभांश वितरण नीति बनाना अनिवार्य होगा। अभी तक शीर्ष 500 कंपनियों के लिए यह नियम लागू था।’’
नियामक ने कहा कि यदि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक एक दिन से अधिक चलती है, तो सूचीबद्ध इकाइयों के लिए बोर्ड की बैठक में वित्तीय नतीजों पर विचार होने के 30 मिनट के अंदर वित्तीय परिणाम घोषित करना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही सेबी ने जोखिम प्रबंधन समिति (आरएमसी) की मान्यता, गठन और भूमिका से संबंधित एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा नियामक ने किसी सूचीबद्ध इकाई के लिए नाम में बदलाव के लिए शेयर एक्सचेंज की अनुमति की जरूरत को समाप्त कर दिया है।
साथ ही सेबी ने वित्तीय नतीजों पर विचार के लिए बोर्ड की बैठक के नोटिस और कोष के इस्तेमाल में अंतर या भिन्नता पर तिमाही सूचना को लेकर अखबारों में विज्ञापन देने की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है।
सेबी ने कहा है कि निश्चित समयावधि पर दी जाने वाली रिपोर्ट..मसलन निवेशक शिकायतों पर सूचना, कामकाज के संचालन और शेयरधारिता के तरीके पर रिपोर्ट अब प्रत्येक तिमाही की समाप्ति के 21 दिन के अंदर देनी होगी।
कंपनियों के कामकाज के संचालन के व्यवहार में सुधार के लिए सेबी के निदेशक मंडल ने सूचीबद्धता प्रतिबद्धता और प्रकटीकरण आवश्यकता (एलओडीआर) नियमनों में कई संशोधनों को मंजूरी दे दी है।
सेबी ने कहा कि एलओडीआर नियम सूचीबद्ध कंपनियों पर बाजार पूंजीकरण के मानदंड के आधार पर लागू होते हैं। यदि कंपनियों को बाजार पूंजीकरण तय सीमा से नीचे भी जाता है, तो भी ये नियम लागू होंगे।
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