पीएमकेएसवाई पर खर्च होंगे 6,520 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को 2,000 करोड़ रुपये की अनुदान, 6 राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली 4 रेल परियोजनाओं को मंजूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 1, 2025 09:31 IST2025-08-01T09:30:08+5:302025-08-01T09:31:21+5:30

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।

Rs 6520 crore spent PMKSY Rs 2000 crore grant National Cooperative Development Corporation 4 railway projects covering 13 districts 6 states approved | पीएमकेएसवाई पर खर्च होंगे 6,520 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को 2,000 करोड़ रुपये की अनुदान, 6 राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली 4 रेल परियोजनाओं को मंजूरी

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Highlightsपीएमकेएसवाई का परिव्यय बढ़ाकर 6,520 करोड़ रुपये कर दिया गया है।आईसीसीवीएआई और एफएसक्यूएआई, दोनों ही पीएमकेएसवाई की मांग-आधारित योजनाएं हैं।इकाइयों के अंतर्गत विकिरणित किए जाने वाले खाद्य उत्पादों के प्रकार पर आधारित होगी।

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के लिए बजटीय परिव्यय 1,920 करोड़ रुपये बढ़ाकर 6,520 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी। चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रदान की जाने वाली बढ़ी हुई धनराशि का उपयोग 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों और 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया, “पीएमकेएसवाई का परिव्यय बढ़ाकर 6,520 करोड़ रुपये कर दिया गया है।” साल 2017 में शुरू पीएमकेएसवाई को 4,600 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ चालू वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।

बृहस्पतिवार को, मंत्रिमंडल ने 2024-25 के बजट में 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों और 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की घोषणा को लागू करने के लिए आवंटन में 1,920 करोड़ रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। इसमें से लगभग 1,000 करोड़ रुपये का उपयोग पीएमकेएसवाई की घटक योजना आईसीसीवीएआई (एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना) के तहत 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों और घटक योजना एफएसक्यूएआई (खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना) के तहत 100 प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए किया जाएगा।

पंद्रहवें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के दौरान पीएमकेएसवाई की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए लगभग 920 करोड़ रुपये का उपयोग किया जाएगा। आईसीसीवीएआई और एफएसक्यूएआई, दोनों ही पीएमकेएसवाई की मांग-आधारित योजनाएं हैं।

एक अलग बयान में, सरकार ने कहा कि देश भर की पात्र इकाइयों से प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए रुचि पत्र (ईओआई) जारी किए जाएंगे। रुचि पत्र के अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों को मौजूदा योजना दिशानिर्देशों के तहत पात्रता मानदंडों के अनुसार उचित जांच के बाद अनुमोदित किया जाएगा। प्रस्तावित 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों के कार्यान्वयन से सालाना 20 से 30 लाख टन तक की कुल परिरक्षण क्षमता सृजित होने की उम्मीद है, जो इन इकाइयों के अंतर्गत विकिरणित किए जाने वाले खाद्य उत्पादों के प्रकार पर आधारित होगी।

निजी क्षेत्र में प्रस्तावित 100 एनएबीएल-मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना से खाद्य नमूनों के परीक्षण के लिए उन्नत बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जिससे खाद्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन और सुरक्षित खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित होगी। मंत्री ने कहा, “विकिरण से कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने, अंकुरण, पकने, सूक्ष्मजीवी संदूषण को रोकने और शेल्फ लाइफ बढ़ाने में मदद मिलती है।” उन्होंने कहा कि अधिक खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के होने से नमूना विश्लेषण में लगने वाला समय कम होता है।

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन बेहतर होता है और निर्यात को बढ़ावा मिलता है। प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात पांच अरब डॉलर से दोगुना होकर 11 अरब डॉलर हो गया है। उन्होंने बताया कि कृषि निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई है।

मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के लिए 2,000 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को चार वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता को मंजूरी दे दी। इस कदम से संगठन को कर्ज देने के लिए और अधिक कोष जुटाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘मंत्रिमंडल ने एक अच्छे वित्तीय मॉडल को और मजबूत करने के लिए, एनसीडीसी को चार वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की पूंजी अनुदान सहायता को मंजूरी दी है।’’ एनसीडीसी 8.25 लाख से ज्यादा सहकारी समितियों को कर्ज देता है, जिनके 29 करोड़ सदस्य हैं।

कुल सदस्यों में से 94 प्रतिशत किसान हैं। मंत्री ने कहा कि इस वित्तीय सहायता से, एनसीडीसी आगे ऋण देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटा सकेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, एनसीडीसी की कर्ज वसूली दर 99.8 प्रतिशत है और उसका एनपीए (फंसा कर्ज) शून्य है।

मंत्रिमंडल ने छह राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रेल मंत्रालय की लगभग 11,169 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई। विज्ञप्ति में सरकार ने इन परियोजनाओं के जरिये रेल नेटवर्क के विस्तार के बारे में बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के 13 जिलों को कवर करने वाली ये चार परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 574 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।

विज्ञप्ति के मुताबिक, नयी परियोजनाओं में इटारसी और नागपुर के बीच चौथी लाइन का निर्माण, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) और परभणी के बीच रेलवे लाइन का दोहरीकरण तथा अलुआबाड़ी रोड और न्यू जलपाईगुड़ी एवं डांगोआपोसी और जरोली के बीच तीसरी व चौथी लाइन का निर्माण शामिल है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘लाइन क्षमता के विस्तार से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। ये ‘मल्टी-ट्रैकिंग’ प्रस्ताव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए हैं।’’

सरकार के अनुसार, इन परियोजनाओं की योजना ‘पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत बनाई गई है, जिसमें एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और रसद संबंधी दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सरकार ने कहा कि ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के लिहाज से निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। विज्ञप्ति में कहा गया है, "प्रस्तावित ‘मल्टी-ट्रैकिंग’ परियोजना से लगभग 2,309 गांवों तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिनकी कुल आबादी लगभग 43.60 लाख है।’’

इसमें कहा गया है, “ये मार्ग कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पाद आदि के परिवहन के लिए अहम हैं। क्षमता में वृद्धि करने वाले कार्यों के परिणामस्वरूप हर साल 9.591 करोड़ टन अतिरिक्त माल ढुलाई की जा सकेगी।” 

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