नयी दिल्ली 17 जून फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूच्यूअल फंड (एमएफ) ने गुरुवार को कहा कि उसने छह बंद की गई योजनाओं के यूनिट धारकों को 15 जून तक 17,777 करोड़ रुपये लौटा दिये हैं।
कंपनी ने 23 अप्रैल, 2020 को जब इन छह रिण योजनाओं को बंद किया था तब उसके प्रबंधन के तहत मौजूदा कुल संपत्ति का यह राशि 71 प्रतिशत है। म्युचुअल फंड कंपनी ने अपनी छह योजनाओं को भुनाने के दबाव और बॉन्ड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देते हुए बंद कर दिया था।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि 15 जून तक वितरण के लिए उसके पास 580 करोड़ रुपये नकद उपलब्ध था।
कंपनी की फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्रुअल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड योजनाओ से कुल मिलाकर अनुमानित रूप से एयूएम के तहत 25,000 करोड़ रुपये की संपत्ति थी।
उसने कहा, इन योजनाओं के यूनिट धारकों को 17,777.59 करोड़ रुपये लौटाये जा चुके हैं, जो 23 अप्रैल 2020 के दिन के एयूएम का 71 प्रतिशत है।
कंपनी ने बताया कि उसने फरवरी में 9,122 करोड़ रुपये, 12 अप्रैल के सप्ताह में 2,962 करोड़ रुपये, 3 मई को समाप्त सप्ताह में 2,489 करोड़ रुपये और हाल ही में 5 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान निवेशकों को 3,205 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने मार्च में एसबीआई म्यूचुअल फंड द्वारा तय की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को स्वीकार कर लिया था। ताकि फ्रैंकलिन टेम्पलटन की छह योजनाओं की संपत्ति का मुद्रीकरण कर उसके यूनिट धारकों को आय वितरित कर सके।
शीर्ष अदालत ने इन योजनाओं के लिये एसबीआई एमएफ को परिसमापक नियुक्त किया था।
सेबी ने पिछले सप्ताह ही फ्रेंकलिन टेम्पलटन पर कोई भी नई रिणपत्र योजना जारी करने से दो साल तक रोक लगा दी है और योजनाओं को 2020 में बंद करने के मामले में नियमों का उल्लंघन करने पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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