लाइव न्यूज़ :

Retail Inflation: जुलाई में महंगाई दर बढ़कर हुआ 6.93%, खाने-पीने के सामान हुए और महंगे

By स्वाति सिंह | Updated: August 13, 2020 18:38 IST

खाद्य मुद्रास्फीति 8.72 फीसद पर थी। यह लगातार दूसरा महीना है जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य से अधिक रही है। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को 2-6 फीसद के बीच सीमित रखने का लक्ष्य दिया है

Open in App
ठळक मुद्देऔद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.93 प्रतिशत पर आ गयी।जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खाद्य महंगाई दर भी बढ़कर 9.62 फीसद पर रही।

नई दिल्ली: खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़कर 6.93 प्रतिशत हो गयी। मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से महंगाई दर बढ़ी है। बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे पहले जून महीने में मुद्रास्फीति 6.23 प्रतिशत थी।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जुलाई महीने में 9.62 प्रतिशत रही। जबकि इससे पूर्व माह जून में यह 8.72 प्रतिशत थी। यह लगातार दूसरा महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर रही है।

सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी है। रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है।

 श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि मई 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.10 प्रतिशत रही थी। जून 2020 में खाद्य मुद्रास्फीति 5.49 प्रतिशत पर रही जो पिछले महीने में 5.88 प्रतिशत और एक साल पहले जून के दौरान 5.47 प्रतिशत थी। औद्योगिक श्रमिकों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति को औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर आंका जाता है। यह सूचकांक जून 2020 में दो अंक बढ़कर 332 अंक पर पहुंच गया। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, "जून 2020 के लिए अखिल भारतीय सूचकांक पिछले महीने के दो अंकों की वृद्धि के साथ 332 पर रहा। हालांकि, वार्षिक मुद्रास्फीति की दर पिछले महीने के 5.10 प्रतिशत और साल भर पहले के 8.55 प्रतिशत से कम होकर 5.06 प्रतिशत रह गई।’’ 

श्रम मंत्री ने औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का महत्व बताते हुये कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों, बीमा कंपनियों और सरकारी कम्रचारियों के साथ साथ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को दिये जाने वाले महंगाई भत्ता की गणना करने में भी इस्तेमाल होता है। जून माह में सूचकांक में वृद्धि में सबसे ज्यादा दबाव खाद्य समूह के उत्पादों का रहा। जिन्होंने इसमें 1.65 प्रतिशत की वृद्धि का योगदान किया। चावल, मूंगफलति तेल, मदली, बकरी का मांस, चिकन, भैंस का दूध, बैंगन, हरी धनिया, आलू, टमाटर, रिफाइंड शराब, खाना पकाने की गैस, पेट्रोल आदि का सूचकांक को बढ़ाने में योगदान रहा। 

इसके विपरीत इस वृद्धि को अधिक बढ़ने से रोकने में गेहूं आटा, अरहर दाल, लहसुन, प्याज, नारियल, भिंडी, नींबू, आम, मिट्टी तेल आदि का काफी योगदान रहा जिन्होंने इसे नीचे की तरफ खिंचे रखा। सूचकांक में सबसे जयादा नौ अंकों की वृद्धि का योगदान झरिया का रहा वहीं रांची-अतिया में सबसे ज्यादा आठ अंक की गिरावट रिकार्ड की गई।

टॅग्स :मुद्रास्फीति
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारराहत की खबर, 6 साल में सबसे कम महंगाई?, सब्जियों, दाल, मांस, मछली, अनाज, चीनी और दूध दाम में कमी, जनवरी, 2019 के बाद सबसे कम

कारोबारबिहार में अब दलहन और तिलहन उत्पादों की खरीद एमएसपी पर होगी, कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय

कारोबारInflation: भारत की खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में छह साल के निचले स्तर 3.34% पर आ गई

कारोबारराष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालयः घटती महंगाई से अर्थव्यवस्था में मजबूती आने की उम्मीद?

कारोबारRetail Inflation: त्योहार से पहले राहत की खबर?, महंगाई 7 महीने में सबसे कम, सब्जियों, अंडे, मांस, मछली, दाल और दूध सस्ते

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट कैंसिल होने पर माफी मांगी, कहा- बताया कब स्थिति हो जाएगी सामान्य

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?