रिजर्व बैंक ने घरेलू कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर जतायी चिंता

By भाषा | Published: August 26, 2020 02:03 AM2020-08-26T02:03:46+5:302020-08-26T02:03:46+5:30

वर्ष 2000 के बाद से औसत बारिश में 59 मिलीमीटर की गिरावट दर्ज की गयी है। वहीं देश में चक्रवातों की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2019 में देश को आठ चक्रवातों का सामना करना पड़ा यह 1976 के बाद सबसे अधिक संख्या है। रपट में भूमंडल के तापमान में वृद्धि का भारत पर पड़ने वाले असर का भी उल्लेख किया गया है।

Reserve Bank expressed concern about the effects of climate change on domestic agriculture | रिजर्व बैंक ने घरेलू कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर जतायी चिंता

रिजर्व बैंक ने घरेलू कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर जतायी चिंता

HighlightsRBI ने जलवायु परिवर्तन के देश के कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है। अपनी वार्षिक रपट में बैंक ने कहा कि दुनिया के कई इलाकों में जलवायु परिवतर्न से आ रहे भीषण बदलाव भारत में भी देखे जा रहे हैं।

नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने जलवायु परिवर्तन के देश के कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बारिश की स्थिति में उतार-चढ़ाव, बढ़ते तापमान और प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि जैसे मौसमी बदलावों का कृषि के दृष्टिकोण से अपने निहितार्थ हैं। अपनी वार्षिक रपट में बैंक ने कहा कि दुनिया के कई इलाकों में जलवायु परिवतर्न से आ रहे भीषण बदलाव भारत में भी देखे जा रहे हैं।

इसमें देश में मानसून के चक्र, बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाएं और भीषण मौसमी परिस्थितियां शामिल हैं। बैंक ने कहा हालांकि इन चुनौतियों के बीच कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र ने 2019-20 में एक उम्मीद की किरण दिखायी है। देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न और बागवानी उत्पादों का उत्पादन हुआ है। वहीं 2020 में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य रहने से कृषि परिदृश्य बेहतर है।

बैंक ने अपनी रपट में कहा, ‘‘हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के असर को बारिश की स्थिति में उतार-चढ़ाव, भीषण मौसमी परिस्थियों वृद्धि और बढ़ते तापमान तौर पर महसूस किया गया है। यह कृषि के दृष्टिकोण से उलझन की स्थिति है।’’ रपट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के मॉडलों के अनुरूप देश में सूखे के दिन और भारी बारिश के दिनों की संख्या बढ़ी है।

वर्ष 2000 के बाद से औसत बारिश में 59 मिलीमीटर की गिरावट दर्ज की गयी है। वहीं देश में चक्रवातों की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2019 में देश को आठ चक्रवातों का सामना करना पड़ा यह 1976 के बाद सबसे अधिक संख्या है। रपट में भूमंडल के तापमान में वृद्धि का भारत पर पड़ने वाले असर का भी उल्लेख किया गया है।

वर्ष 1997 से 2019 के बीच देश के औसत तापमान में 1.8 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गयी है जबकि 1901 से 2000 के बीच यह मात्र 0.5 डिग्री सेल्सियस ही थी। इससे किसानों की फसल पर असर हुआ है और उनकी आय गिरी है। रिजर्व बैंक ने देश में जलस्तर पर जलवायु परिवर्तन के असर को लेकर भी चिंता व्यक्त की। केंद्रीय बैंक ने तत्काल भराव सिंचाई के स्थान पर टपक सिंचाई जैसे सूक्ष्म सिंचाई मॉडल अपनाने और चक्रीय फसल व्यवस्था को अपनाए जाने की जरूरत बतायी। 

Web Title: Reserve Bank expressed concern about the effects of climate change on domestic agriculture

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