RBI: बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए आरबीआई ले सकती है ये फैसला, ईएमआई हो जाएगी महंगी
By रुस्तम राणा | Updated: March 7, 2022 15:31 IST2022-03-07T15:31:22+5:302022-03-07T15:31:22+5:30
रेपो रेट बढ़ने के कारण लोन के ब्याज दरों में वृद्धि होगी। यानी सीधे शब्दों में कहें तो लोने लेना महंगा हो जाएगा। ईएमआई में निश्चित रूप से बढ़ोतरी हो जाएगी।

RBI: बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए आरबीआई ले सकती है ये फैसला, ईएमआई हो जाएगी महंगी
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग ने दुनियाभर को चिंता में डाल दिया है। जंग का असर पूरी दुनिया के बाजारों में पड़ने लगा है। इसी कारण भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं है। भारत में महंगाई का दबाव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ऊपर भी पड़ने लगा है। इस दबाव को कम करने के लिए आरबीआई रेपो रेट में वृद्धि कर सकती है, जिससे कि बाजार में पैसों की तरलता (लिक्युडिटि) को कम किया जा सके। अक्सर महंगाई को कम करने के लिए आरबीआई इसी तरह की मौद्रिक नीति पर काम करती है।
रेपो रेट बढ़ने के कारण लोन के ब्याज दरों में वृद्धि होगी। यानी सीधे शब्दों में कहें तो लोने लेना महंगा हो जाएगा। ईएमआई में निश्चित रूप से बढ़ोतरी हो जाएगी। कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि आरबीआई ने करीब दो सालों से इसकी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, जो फिलहाल 22 साल के निचले स्तर पर चल रहीं है।
इकोनॉमिक एडवाइजरी फर्म के सीनियर एनालिस्ट अनंत नारायण का कहना है कि RBI ने वैसे तो 2022-23 के लिए खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए पक्का है कि इस साल खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी से ऊपर रहने वाली है। बल्कि जनवरी में ही आरबीआई के तय 6 फीसदी के दायरे से बाहर निकल चुकी है।
रूस यूक्रेन के युद्ध के कारण वैश्विक बाजार में कच्चे तेल कीमत में वृद्धि हो रही है और अनुमान लगााय जा रहा है कि जल्द ही भारत में पेट्रोल डीजल के दामों में दस रूपये से भी अधिक की वृद्धि देखने को मिल सकती है। कच्चे तेल के दाम का सीधा असर ट्रांसपोर्ट पर पड़ेगा। परिवहन महंगा हो जाएगा। खुदरा वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। खाने के तेल के दामों में तो पहले से ही आग लगी हुई है।
ऐसे में आरबीआई के सामने खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई को थामने की बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। आरबाई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले शुक्रवार को कहा था, ‘हम विकास दर और महंगाई को देखते हुए ही आगे की रणनीति बनाएंगे।’ महंगे क्रूड से विकास दर भी 0.60 फीसदी सुस्त पड़ने का अनुमान है।