लाइव न्यूज़ :

वृद्धि दर में स्थिर गिरावट को रोकने के लिए लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति सूझ-बूझ संग बनाने की जरूरत: रिपोर्ट

By भाषा | Updated: May 30, 2020 20:09 IST

एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुईं आर्थिक गतिविधियों को लेकर चिंता जताई गई है। ऐसे में रिपोर्ट में कहा गया है कि देश को वृद्धि दर में स्थिर गिरावट को रोकने के लिए लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति काफी सोच-विचार कर बनानी होगी।

Open in App
ठळक मुद्देजीडीपी आंकड़ों पर रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च के अंतिम कुछ दिनों में बंद की वजह से चौथी तिमाही की वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व के अनुभवों से पता चलता है कि मंदी से बाहर निकलने की रफ्तार काफी धीमी रहती है।

नई दिल्ली: भारत को वृद्धि दर में स्थिर गिरावट को रोकने के लिए लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति काफी सोच-विचार कर बनानी होगी। एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में यह बात कही गई है। बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रह गई है, जो इसका 11 साल का निचला स्तर है। 

बीते वित्त वर्ष की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है। कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। लॉकडाउन का चौथा चरण रविवार 31 मई तक है। एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है, ‘‘अब हमारा मानना है कि हमें समझदारी के साथ लॉकडाउन से निकलने की रणनीति बनानी चाहिए। राष्ट्रव्यापी बंद लंबा खिंचने से वृद्धि दर में गिरावट भी लंबे समय तक रहेगी।’’ 

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व के अनुभवों से पता चलता है कि मंदी से बाहर निकलने की रफ्तार काफी धीमी रहती है। आर्थिक गतिविधियों के पुराने स्तर पर पहुंचने में पांच से 10 साल लग जाते हैं। शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों पर रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च के अंतिम कुछ दिनों में बंद की वजह से चौथी तिमाही की वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए, तो सिर्फ कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा। बीते वित्त वर्ष में कृषि और संबद्ध गतिविधियों की वृद्धि दर चार प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 2.4 प्रतिशत रही थी। 

टॅग्स :कोरोना वायरससकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारचुनौतियों के बावजूद उम्मीद से अधिक है देश की विकास दर

कारोबार'ट्रंप टैरिफ' के बावजूद FY26 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़कर 8.2% हुई

कारोबारघरेलू खपत के दम पर मजबूत बनी हुई है अर्थव्यवस्था

कारोबारIndia GDP growth: अमेरिका के भारी शुल्क के बीच बड़ी राहत?, अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारPetrol, Diesel Price Today: कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव, जानें ईंधन पर इसका क्या असर; प्राइस लिस्ट यहां

कारोबारIndiGo Crisis: इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट कैंसिल होने पर माफी मांगी, कहा- बताया कब स्थिति हो जाएगी सामान्य

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन