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भारत के विकास कार्यक्रमों में नवीकरणीय ऊर्जा महत्वपूर्ण: जावड़ेकर

By भाषा | Updated: April 18, 2021 19:08 IST

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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि भारत ऊर्जा की अपनी बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ा रहा है तथा आत्मनिर्भर भारत जैसे कार्यक्रमों के जरिये इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।

मंत्री ने ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन के ‘संभव’ कार्यक्रम में कहा, कि ऐतिहासिक रूप से कार्बन उत्सर्जन में भारत का योगदान केवल 3 प्रतिशत है। वहीं पिछले 150 साल से अधिक समय से इस नुकसादायक उत्सर्जन में अमेरिका, यूरोप और अन्य क्षेत्रों का योगदान इससे कहीं अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हम इस समस्या का हिस्सा नहीं रहे हैं, लेकिन हम समाधान का हिस्सा बनना चाहते हैं। आज भी वैश्विक उत्सर्जन में हमारी हिस्सेदारी केवल 7 प्रतिशत है। हमारा विकास का कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत टिकाऊ, ऊर्जा स्रोतों में बदलाव, उद्योगों के स्वरूप में बदलाव, साझा मजबूत ढांचागत सुविधाओं के निर्माण, आपदा से निपटने में सक्षम नियादी ढांचा पर निर्भर है।’’

जावड़ेकर ने कहा कि भारत ने न केवल जलवायु परिवर्तन पर चर्चा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया बल्कि दुनिया को यह भी दिखाया कि इन बदलावाओं को कैसे क्रियान्वित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत ने सतत ऊर्जा के लिये कई कदम उठाये और पिछले छह साल में सौर ऊर्जा उत्पादन 14 गुना बढ़ा है।

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘हमने उत्सर्जन गहनता में करीब 26 प्रतिशत की कमी की है। हमने अपनी कुल ऊर्जा क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाकर 38 प्रतिशत की है...सौर ऊर्जा को मिलाकर हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 1,36,000 मेगावाट है। हम 2022 तक 1,75,000 मेगावाट के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।’’

भारत ने 2022 तक 1,75,000 मेगावाट तथा 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा है।

इसके अलावा फेम 1 और फेम 2 योजना (इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग और विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना) के तहत 65 शहरों में 6,500 इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग को लेकर 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गयी है।

मंत्री ने कहा, ‘‘....25 शहरों में ये बसें चल रही हैं। अन्य शहर इन वाहनों को खरीदने की प्रक्रिया के अग्रिम चरण में हैं। ये वाहन टिकाऊ, आधुनिक के साथ-साथ शून्य प्रदूषण फैलाने और शून्य उत्सर्जन वाले वाहन हैं।’’

जावड़ेकर ने कहा कि भारत को अधिक ऊर्जा की जरूरत है क्योंकि यह वृद्धि का मूल कच्चा माल है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज की तारीख में हमारी प्रति व्यक्ति बिजली खपत 1,200 किलोवाट सालाना है। अमेरिका, यूरोप जैसे कई देशों में यह 12,000 किलोवाट सालाना है। हम उतनी बिजली खपत नहीं करते, लेकिन हमारी खपत आने वाले दिनों में बढ़ेगी। इसका कारण विकास की आकांक्षा है।’’

जावड़ेकर ने कहा कि भारत ने इन सबके साथ नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम के जरिये सतत जीवन का रास्ता चुना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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