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आरबीआई की बचत से सरकार को मिलेंगे 99,122 करोड़ रुपये;केंद्रीय बैंक के निदेशकमंडल की मंजूरी

By भाषा | Updated: May 21, 2021 18:34 IST

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मुंबई, 21 मई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बोर्ड (निदेशकमंडल) ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने की लेखा अवधि के लिए सरकार को केंद्रीय बैंक से अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी।

इस प्राप्ति से केंद्र को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।

आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। आरबीआई सरकार को दिए जाने वाले लाभांश को अधिशेष कहता है।

एक विज्ञप्ति के अनुसार आरबीआई बोर्ड ने अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप को कम करने के लिए वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और हाल के नीतिगत उपायों की भी समीक्षा की।

रिजर्व बैंक के लेखा वर्ष को अप्रैल-मार्च (पहले जुलाई-जून) में बदलने के साथ, बोर्ड ने नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की अवधि के दौरान आरबीआई के कामकाज पर चर्चा की।

आरबीआई 1940 से जुलाई-जून के वित्त वर्ष का अनुसरण कर रहा है। उससे पहले उसका वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर था।

बैठक के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बोर्ड ने संक्रमण अवधि के लिए रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और लेखा-जोखा को मंजूरी दी।

बयान के मुताबिक, ‘‘बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की लेखा अवधि के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी, जबकि बैंक के आकस्मिक जोखिम बफर को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया।’’

विमल जालान समिति की रिपोर्ट में आरबीआई के लिए जोखिम बफर को 5.50 से 6.50 प्रतिशत के स्तर पर बनाए रखने की सिफारिश की गई थी।

आरबीआई ने लेखा वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 57,128 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे।

इससे एक साल पहले (2018-19) आरबीआई ने 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए थे, जिसमें लाभांश के रूप में 1.23 लाख करोड़ रुपये और संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के अनुसार पहचाने गए 52,637 करोड़ रुपये के हस्तांतरण का अतिरिक्त प्रावधान शामिल था।

बैठक में डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, माइकल देवव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव और टी रवि शंकर शामिल हुए।

केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक एन चंद्रशेखरन, सतीश के मराठे, एस गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और सचिन चतुर्वेदी भी बैठक में शामिल हुए।

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने भी बैठक में भाग लिया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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