RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा।
साथ ही आरबीआई ने मुद्रास्फीति की ऊंची दर के बीच नीतिगत मामले में उदार रुख को बरकरार रखा। यानी हाल-फिलहाल नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना नहीं है। यह लगातार 10वां मौका है जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है।
इससे पहले 22 मई, 2020 को मांग को गति देने के इरादे से रेपो दर में कमी कर इसे रिकार्ड निचले स्तर पर लाया गया था। एक फरवरी को पेश 2022-23 के बजट के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक थी। आरबीआई गवर्नर द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा है।’’
दास ने कहा, ‘‘समिति ने आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में रखने को लेकर नीतिगत दर के मामले में जबतक जरूरी हो उदार रुख बनाये रखने का भी निर्णय किया है।’’ केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत और मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
आर्थिक वृद्धि परिदृश्य के बारे में दास ने कहा कि वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 में 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मुख्य रूप से खाने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर महीने में बढ़कर पांच महीने के उच्च स्तर 5.59 प्रतिशत हो गयी जो नवंबर में 4.91 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा कि मानसून सामान्य रहने के अनुमान के साथ खुदरा महंगाई दर 2022-23 में 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। एमपीसी को सालाना महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिश पर कायम रखने की जिम्मेदारी दी गयी है। एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक आठ फरवरी को शरू हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और देश तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। एमपीसी की अगली बैठक 6-8 अप्रैल, 2022 को होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौद्रिक नीति समीक्षा 2021-22 की मुख्य बातेंः
* प्रमुख नीतिगत दर रेपो चार प्रतिशत पर लगातार 10वीं बार अपरिवर्तित, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर स्थिर।
* सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 9.2 प्रतिशत के मुकाबले अगले वित्त वर्ष के लिए 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान।
* भारत में दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अलग तरह से पुनरुद्धार हो रहा है, देश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा।
* आरबीआई वृद्धि के पुनरुद्धार के लिए उदार रुख को जारी रखेगा, महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रखा है।
* खुदरा मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत, वित्त वर्ष 2022-23 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
* मुद्रास्फीति चालू तिमाही में संतोषजनक सीमा के उच्च स्तर पर रहेगी, अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से इसमें नरमी आएगी।
* वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम।
* भारतीय रुपये ने मजबूती दिखायी।
* चालू वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के दो प्रतिशत से कम रहेगा।
* स्वास्थ्य सेवा, संपर्क आधारित क्षेत्रों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की सदा सुलभ नकदी सुविधा।
* ई रूपे डिजिटल वाउचर की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये की गई और विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग की अनुमति मिली।
* मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक 6-8 अप्रैल को होगी।