जांच से हुआ खुलासा, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर ने आरबीआई को किया गुमराह

By रजनीश | Updated: May 2, 2019 13:39 IST2019-05-02T13:39:03+5:302019-05-02T13:39:03+5:30

क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने एस्सार के लिए नेगेटिव रेटिंग दी थी। खबर के मुताबिक इन सबकी अनदेखी की गई और कर्ज देना जारी रखा गया..

Probe records show Chanda Kochhar misled RBI on giving loan to Essar firm steel minnesota | जांच से हुआ खुलासा, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर ने आरबीआई को किया गुमराह

एस्सार ग्रुप आईसीआईसीआई बैंक के सबसे बड़े कर्जदारों में से एक है।

Highlightsद इंडियन एक्सप्रेस ने दस्तावेजों, जांचकर्ताओं और अधिकारियों के इंटरव्यू के हवाले से इस बात का खुलासा किया है।चंदाकोचर उस क्रेडिट कमेटी का हिस्सा थी जिसने मॉरीशस कंपनी को लोन दिया था।यह भी आरोप है कि उस कमेटी ने कुछ ही मिनट की बैठक में ही लोन देने का फैसला कर लिया था।

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को गुमराह करने का आरोप है। उनपर यह आरोप साल  2014 में मॉरीशस स्थित होल्डिंग कंपनी एस्सार स्टील को 365 डॉलर मिलियन (लगभग 2,540 करोड़ रुपये) लोन दिलाने के मामले में लगा है। यहां तक कि सेंट्रल बैंक भी इसमें कई अनियमितताएं पा चुका है।

द इंडियन एक्सप्रेस ने दस्तावेजों, जांचकर्ताओं और अधिकारियों के इंटरव्यू के हवाले से इस बात का खुलासा किया है। आरबीआई ने एस्सार स्टील मिनेसोटा प्रोजेक्ट के क्षमता में विस्तार के लिए आईसीआईसीआई बैंक की मंजूरी पर सवाल उठाए थे।

आरबीआई ने दावा किया कि एस्सार के पेलेट प्रोजेक्ट के शुरु होने का समय बढ़ाने के लिए बैंक की सहमति थी। साथ ही  बैंक पहले लोन को चुकाने के लिए दूसरा लोन दे रहा था।  केंद्रीय बैंक ने आईसीआईसीआई को सुझाव दिया था कि वह एस्सार को दिए जाने वाले कर्ज को ‘सब-स्टैंडर्ड एसेट’(रद्दी परिसंपत्ति) की श्रेणी में रखे।

हालांकि आईसीआईसीआई बैंक ने सितंबर 2014 में आरबीआई को सूचित किया कि बैंक ने क्षमता बढ़ाने को मंजूरी दी थी लेकिन वह किसी भी तरह के अतिरिक्त फंडिंग में शामिल नहीं है।

एस्सार ग्रुप आईसीआईसीआई बैंक के सबसे बड़े कर्जदारों में से एक है। चंदाकोचर उस क्रेडिट कमेटी का हिस्सा थी जिसने मॉरीशस कंपनी को लोन दिया था।

जांचकर्ताओं के मुताबिक कोचर ने कंपनी एक्ट 2013 और सेबी के तहत अपने कर्तव्यों का उल्लंघन करते हुए आरबीआई को गलत और भ्रामक बयान दिया।

रिकॉर्ड बताते हैं कि एस्सार ग्रुप के खिलाफ 'रेड फ्लैग' (शिकायतों, निगेटिव क्रेडिट रेटिंग, तिमाही छूट) के बाद भी आईसीआईसीआई बैंक ने एस्सार स्टील मिनेसोटा को उधार देना जारी रखा।

अप्रैल 2013 में बैंक और चंदा कोचर को लिखित शिकायत मिली। इसमें लिखा था कि एस्सार स्टील मिनेसोटा को कोई भी वित्तीय संस्थान पैसे देने को तैयार नहीं था। इसके बाद भी यह पाया गया कि बैंक द्वारा एस्सार से कोई पूछताछ नहीं की गई थी।

इसके अलावा 1अप्रैल 2014 को एस्सार स्टील मिनेसोटा के चीफ फिनांनशियल ऑफिसर (CFO) ने आईसीआईसीआई बैंक को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने फाइनेंनशियल स्टेटमेंट ऑडिट जमा करने की देरी, एंड यूज सर्टिफिकेट और ब्याज समय पर न दे पाने के लिए छूट का अनुरोध किया था।

आईसीआईसीआई बैंक के एक प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए कहा कि ये सभी घटनाएं 2011 से 2016 के बीच की हैं। उन्होंने आगे कहा बैंक ने बैलेंस शीट के रिस्क प्रोफाइल को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। 

Web Title: Probe records show Chanda Kochhar misled RBI on giving loan to Essar firm steel minnesota

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