प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन एक ऐसी क्रेडिट सुविधा है जो बैंक और NBFCs अपने मौजूदा कस्टमर्स को उनकी क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर ऑफर करते हैं। इसके लिए कस्टमर की क्रेडिट हिस्ट्री, जॉब प्रोफाइल, इनकम जैसे फैक्टर्स पर ध्यान दिया जाता है। रेगुलर पर्सनल लोन की तरह इस लोन को लेने के लिए भी आवेदकों को कोई सिक्योरिटी या कोलैटरल जमा करने की ज़रूरत नहीं होती। इस लोन का इस्तेमाल आवेदक अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।
प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें:
योग्यताशर्तों
बैंक अपने उन्हीं मौजूदा कस्टमर्स को प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर करते हैं, जिनकी क्रेडिट प्रोफाइल अच्छी होती है। जिसके लिए वे अपने मौजूदा कस्टमर्स का क्रेडिट स्कोर, जॉब प्रोफाइल, इनकम, ईएमआई-एनएमआई रेश्यो और मौजूदा लोन का समय से भुगतान करने जैसे फैक्टर्स को ध्यान में रखते हैं। हालांकि लोन प्रोसेस के दौरान आवेदक की प्रोफाइल में किसी तरह का बदलाव जैसे क्रेडिट स्कोर या लोन भुगतान क्षमता के कम होने पर बैंक प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन कैंसिल भी कर सकते हैं।
ब्याजदर
प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन इस बात की गारंटी नहीं देता है कि आपको सबसे कम ब्याज दर पर ही लोन मिलेगा। इसलिए बेहतर लोन ऑफर पाने के लिए ज़रूरी है कि आवेदक अन्य बैंक व एनबीएफसी के ऑफर की भी तुलना करें। इसके लिए आवेदक पैसाबाज़ार जैसी ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर जा सकते हैं। जहां एक साथ कई बैंकों द्वारा दी जाने वाली पर्सनल लोन ऑफर की तुलना कर सकते हैं और जान सकते हैं कि किस बैंक से कितने इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलेगा।
लोनभुगतानअवधि
प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन की भुगतान अवधि रेगुलर पर्सनल लोन के समान ही होती है, जोकि आमतौर पर 1-5 साल तक होता है। हालांकि कुछ लोन संस्थान लोन रिपेमेंट के लिए 5 साल से अधिक समय भी देते हैं। आवेदक अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार लोन रिपेमेंट अवधि चुन सकते हैं।
हालांकि लोन अवधि चुनने से पहले याद रखें कि लोन का टैन्योर लंबा होने से ईएमआई तो कम होगी लेकिन ओवरऑल इंटरेस्ट कॉस्ट बढ़ जाएगा। वहीं, छोटी लोन अवधि होने पर ईएमआई अधिक होती है लेकिन इंटरेस्ट कॉस्ट कम हो जाता है। इसलिए जो अधिक ईएमआई का भुगतान नहीं कर सकते हैं उन्हें लंबा टैन्योर चुनना चाहिए जबकि वित्तीय रुप से सक्षम आवेदक को छोटी लोन अवधि चुनकर कुल ब्याज लागत में बचत करनी चाहिए।
प्रोसेसिंगफीस
प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग फीस रेगुलर पर्सनल लोन जितनी या उससे कम भी हो सकती है, जो लोन राशि का 4% तक होता है। हालांकि कुछ बैंक और NBFCs लोन राशि की परवाह किए बिना प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग फीस तय कर सकते हैं। वहीं, कुछ बैंक व एनबीएफसी फेस्टिव सीज़न में प्रोसेसिंग फीस में छूट देते हैं या माफ भी कर देते हैं। चूंकि लोन में प्रोसेसिंग फीस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए आवेदकों को प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन प्रोसेसिंग फीस की तुलना रेगुलर पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग फीस से अवश्य करनी चाहिए और फिर अपने लिए बेहतर लोन ऑफर चुनना चाहिए।
दस्तावेज़
प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन के लिए बहुत कम या न के बराबर दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है। क्योंकि बैंक के पास पहले से ही अपने मौजूदा कस्टमर्स के आवश्यक KYC दस्तावेज़ जैसे- आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रमाण, इनकम और क्रेडिट स्कोर आदि की जानकारी होती है। जबकि रेगुलर पर्सनल लोन के लिए इनसब दस्तावेज़ों को लोन आवेदन के समय जमा करना होता है।
लोनप्रोसेसिंगमेंलगनेवालासमय
आमतौर पर प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन को डिस्बर्स करने में लगने वाला समय रेगुलर पर्सनल लोन की तुलना में कम होता है। क्योंकि बैंक के पास पहले से ही आवेदक के आवश्यक दस्तावेज़ जमा होते हैं। जिसकी मदद से वह आवेदक का मूल्यांकन और लोन प्रोसेस अपेक्षाकृत जल्दी और आसानी से पूरा कर पाते हैं। इसलिए कई बैंक प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन आवेदन करने के तुरंत बाद या उसी दिन आवेदक के खाते में लोन राशि ट्रांसफर कर देते हैं। इसलिए जिन लोगों को तुरंत पैसों की ज़रूरत है उन्हें सबसे पहले अपने मौजूदा बैंक से प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन के बारे में पता करना चाहिए।