प्रगति बैठक 46वां संस्करणः 90000 करोड़ रुपये की लागत वाली 8 विकास परियोजना, पीएम मोदी ने की बैठक, देखें लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 30, 2025 22:23 IST2025-04-30T22:22:54+5:302025-04-30T22:23:32+5:30
Pragati Baithak 46th edition: आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं में तीन सड़क परियोजनाएं, रेलवे और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग की दो-दो परियोजनाएं शामिल हैं।

सांकेतिक फोटो
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को प्रगति बैठक के 46वें संस्करण की अध्यक्षता करते हुए देश भर में करीब 90,000 करोड़ रुपये की लागत वाली आठ विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान मोदी ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से संबंधित शिकायत निवारण की भी समीक्षा की और सभी मंत्रालयों तथा विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि लाभार्थियों की पहचान सख्ती से बायोमेट्रिक्स आधारित आधार प्रमाणीकरण या सत्यापन के माध्यम से की जाए। प्रगति अग्र सक्रिय शासन और समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए एक बहु-मॉडल मंच है।
बयान के अनुसार, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं में तीन सड़क परियोजनाएं, रेलवे और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग की दो-दो परियोजनाएं शामिल हैं। मोदी ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अतिरिक्त कार्यक्रमों को शामिल करने की संभावनाओं का पता लगाने के भी निर्देश दिए, विशेष रूप से वे कार्यक्रम जो बच्चों देखभाल को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रथाओं में सुधार लाने, स्वच्छता सुनिश्चित करने और अन्य संबंधित पहलू जो माँ और नवजात शिशु के समग्र कल्याण में योगदान करते हों।
रिंग रोड के विकास से संबंधित एक बुनियादी ढांचा परियोजना की समीक्षा के दौरान मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि रिंग रोड के विकास को व्यापक शहरी नियोजन प्रयासों के एक प्रमुख घटक के रूप में एकीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास को समग्रता से किया जाना चाहिए।
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह अगले 25 से 30 वर्षों में शहर के विकास पथ के अनुरूप हो तथा उसका समर्थन करे। मोदी ने सार्वजनिक परिवहन के पूरक और टिकाऊ विकल्प के रूप में शहर के परिवहन बुनियादी ढांचे के भीतर एक वृत्ताकार रेल नेटवर्क को एकीकृत करने की संभावना तलाशने का भी आह्वान किया।
बयान में कहा गया कि इससे व्यवसाय विकास के अवसर पैदा होंगे, जिससे एक जीवंत स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा, विशेष रूप से ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) पहल और अन्य स्थानीय शिल्प से जुड़े कारीगरों और उद्यमियों के लिए। अब तक प्रगति बैठकों में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 370 परियोजनाओं की समीक्षा की जा चुकी है।