नयी दिल्ली, आठ फरवरी नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 पर एक उच्च स्तरीय समिति कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिये कंपनियों को कॉरपोरेट/कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत खर्च किए जाने वाले कोष का उपयोग कर्मचारियों और स्थानीय समुदाय के टीकाकरण पर करने की अनुमति दे सकती है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि देश 50 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण की दिशा में बढ़ रहा है, ऐसे में सरकार समय पर टीकाकरण कार्यक्रम के वित्त पोषण के बारे में निर्णय करेगी।
कोविड-19 के लिये टीका व्यवस्था पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के चेयरमैन पॉल ने कहा, ‘‘...कोविड-19 टीकाकरण के लिये सीएसआर की अनुमति देने का प्रस्ताव विचाराधीन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीकाकरण और कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिये सीएसआर कोष का उपयोग कैसे करना है, इस पर चर्चा हुई है। हम उपयुक्त समय पर इस बारे में सिफारिशें देंगे।’’
पिछले महीने, टीके से जुड़े उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्य समूह ने लाभ कमाने वाली इकाइयों को कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत 2 प्रतिशत खर्च करने की आवश्यकता के तहत कुछ चीजों को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की सिफारिश की थी। कार्य समूह का कहना था कि इससे निजी क्षेत्र कार्यबल के टीकाकरण के लिये प्रोत्साहित होगा और टीके की पहुंच बढ़ेगी।
पॉल ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के पहले तीन करोड़ लाभार्थियों के खर्च का वहन करने का निर्णय किया है।
ये लाभार्थी स्वास्थ्य समुदाय से जुड़े लोग और दूसरे लोग हैं , जिन्होंने महामारी के दौरान आगे बढ़कर काम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अब टीकाकरण के अगले चरण में प्रवेश कर रहे हैं। अब वास्तविक जोर 50 साल से ऊपर के लोगों पर है। इस पर होने वाले खर्च को कैसे पूरा किया जाएगा, इसे केंद्र सरकार और राज्य स्पष्ट करेंगे।’’
पॉल ने कहा, ‘‘इस बारे में अभी निर्णय नहीं किया गया है और उपयुक्त समय पर इसकी जानकारी दी जाएगी।’’
सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पहले करीब एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और दो करोड़ उन क्षेत्र के लोगों को टीका दिया जाएगा जिन्होंने महामारी के दौरान आगे बढ़कर काम किया। उसके बाद 50 साल से ऊपर के लोगों तथा उसके पश्चात 50 साल से कम उम्र के लोगों को टीका दिया जाएगा।
अबतक 58 लाख से अधिक लोगों को टीके दिये जा चुके हैं।
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