PAN 2.0 Project: क्यूआर कोड सुविधा से लैस नए पैन कार्ड?, क्या पुराना नंबर काम नहीं करेगा, जानें डिटेल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 26, 2024 20:10 IST2024-11-26T16:56:50+5:302024-11-26T20:10:17+5:30

PAN 2.0 Project All you need to know: पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है। पैन आयकर विभाग की तरफ से जारी होने वाली 10 अंक की एक विशिष्ट संख्या है।

PAN 2-0 Project All you need to know New PAN card equipped QR code facility no need change old number Rs 1435 crore spent 10 digit unique number know details | PAN 2.0 Project: क्यूआर कोड सुविधा से लैस नए पैन कार्ड?, क्या पुराना नंबर काम नहीं करेगा, जानें डिटेल

file photo

Highlightsअंकों के साथ अंग्रेजी अक्षरों को भी कूटबद्ध रूप से शामिल किया जाता है। संख्या भारतीय करदाताओं को विशिष्ट रूप से जारी की जाती है। 1,435 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय किया गया है।

PAN 2.0 Project All you need to know: पैन 2.0 परियोजना के तहत क्यूआर कोड आधारित उन्नत प्रणाली लागू होने से नकली कार्ड की पहचान आसान हो जाएगी और करदाता एक से अधिक पैन कार्ड नहीं रख पाएंगे। हालांकि, नई व्यवस्था शुरू होने पर भी मौजूदा पैन कार्ड वैध बने रहेंगे। सिर्फ कार्ड से संबंधित जानकारियों में कोई बदलाव होने पर ही पैन 2.0 कार्ड के लिए आवेदन करना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को पैन 2.0 परियोजना से संबंधित इन बिंदुओं को स्पष्ट किया। उसने ‘बार-बार पूछे जाने वाले सवालों’ (एफएक्यू) का ब्योरा देकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक दिन पहले ही क्यूआर कोड सुविधा से लैस नए तरह के पैन कार्ड जारी करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। यह परियोजना अगले साल से लागू होगी। यह परियोजना ‘स्थायी खाता संख्या’ (पैन) जारी करने की मौजूदा प्रणाली को सुधारने के मकसद से लाई गई है।

पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है। पैन आयकर विभाग की तरफ से जारी होने वाली 10 अंक की एक विशिष्ट संख्या है। इसमें अंकों के साथ अंग्रेजी अक्षरों को भी कूटबद्ध रूप से शामिल किया जाता है। यह संख्या भारतीय करदाताओं को विशिष्ट रूप से जारी की जाती है।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस परियोजना का उद्देश्य पैन और टैन जारी करने और उनके प्रबंधन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाना है ताकि यह उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल और कुशल बन सके। यह परियोजना कई डिजिटल मंचों के एकीकरण और पैन/टैन धारकों के लिए कुशल सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करती है।

इस समय करीब 78 करोड़ पैन और 73.28 लाख टैन खाता मौजूद हैं। सीबीडीटी ने कहा कि पैन से संबंधित सेवाएं तीन अलग मंच- ई फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईआईटीएसएल पोर्टल और प्रोटीन ई-गवर्नेंस पोर्टल पर मौजूद हैं। लेकिन पैन 2.0 के लागू होने पर ये सभी सेवाएं एक एकल एकीकृत पोर्टल पर उपलब्ध होंगी।

एकीकृत मंच की मदद से पैन कार्ड संबंधी आवेदन, उसमें सुधार और आधार को पैन से जोड़ने के अनुरोध के अलावा ऑनलाइन सत्यापन भी किया जा सकेगा। पैन 2.0 परियोजना सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के साथ जुड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पर्यावरण के अनुकूल, कागज रहित प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए पैन को एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में भी स्थापित करती है। सीबीडीटी ने कहा है कि पैन को निःशुल्क जारी किया जाएगा और डिजिटल प्रक्रिया होने से इसमें समय भी कम लगेगा।

हालांकि, मौजूदा पैन कार्डधारकों को नए कार्ड के लिए आवेदन तभी करना होगा, जब उन्हें अपने ब्योरे में कुछ संशोधन करना हो। एफएक्यू कहता है कि पैन 2.0 में पैन के लिए संभावित नकली आवेदनों की पहचान के लिए बेहतर प्रणाली होने से कोई व्यक्ति एक से अधिक कार्ड नहीं रख पाएगा। इस तरह एक से अधिक पैन रखने के मामलों में नकेल कसी जा सकेगी।

पैन 2.0 परियोजना शुरू होने के बाद भी व्यक्तियों और व्यवसायों के पास मौजूदा पैन वैध रहेगा और उन्हें उसे बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी। पैन में दर्ज व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा के लिए इन आंकड़ों का उपयोग करने वाली सभी संस्थाओं के लिए ‘पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम’ अनिवार्य होगा। साथ ही पैन 2.0 के तहत शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया जाएगा।

यह परियोजना करदाताओं के बेहतर डिजिटल अनुभव के लिए पैन/टैन सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित रूपांतरण के जरिये करदाता पंजीकरण सेवाओं की व्यावसायिक प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करने के लिए लाई गई एक ई-गवर्नेंस परियोजना है। बयान के मुताबिक, यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 ढांचे का उन्नत रूप होगा जो मुख्य और गैर-मुख्य पैन/टैन गतिविधियों के साथ पैन सत्यापन सेवा को भी एकीकृत करेगा।

सरकार के इस फैसले पर डेलॉयट इंडिया में साझेदार प्रीतिन कुमार ने कहा, ‘‘पैन 2.0 परियोजना डिजिटल कर प्रशासन के लिए सरकार के दृष्टिकोण के साथ अच्छी तरह से मेल खाती है। यह एक स्वागतयोग्य कदम है।’’ वर्तमान में लगभग 78 करोड़ पैन जारी किए गए हैं। इनमें से 98 प्रतिशत पैन व्यक्तियों को जारी किए गए हैं।

Web Title: PAN 2-0 Project All you need to know New PAN card equipped QR code facility no need change old number Rs 1435 crore spent 10 digit unique number know details

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे