ऑनलाइन मनी गेमिंग?, 3 साल तक की कैद या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों, विपरीत विज्ञापन करने वालों पर 2 साल कैद या 50 लाख रुपये जुर्माना, पढ़िए प्रावधान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 20, 2025 16:46 IST2025-08-20T16:44:48+5:302025-08-20T16:46:30+5:30

लोकसभा में बुधवार को ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने और शैक्षणिक तथा सामाजिक ऑनलाइन खेलों को बढ़ावा देने वाला एक विधेयक पेश किया गया।

Online money gaming Imprisonment up 3 years fine up to Rs 1 crore or both 2 years imprisonment or fine Rs 50 lakh those advertising against read provisions | ऑनलाइन मनी गेमिंग?, 3 साल तक की कैद या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों, विपरीत विज्ञापन करने वालों पर 2 साल कैद या 50 लाख रुपये जुर्माना, पढ़िए प्रावधान

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Highlightsविधेयक में ऑनलाइन ‘मनी गेमिंग’ या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान हैं।पेश करने या विज्ञापन देने वालों के लिए कारावास या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान करता है।सामरिक विकास तथा विनियमन के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रावधान है।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने ऑनलाइन ‘रियल मनी’ गेमिंग के समाज के लिए बड़ी समस्या बन जाने की बात को स्वीकार करने के साथ राजस्व हानि की आशंका के बावजूद लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। एक सरकारी सूत्र ने बुधवार को यह जानकारी दी। सरकार ने लोकसभा में ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन एवं विनियमन) विधेयक, 2025’ पेश किया है जिसमें ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा देने के साथ ही किसी भी प्रकार के धन-आधारित गेमिंग पर प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा गया है।

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘धन से जुड़ी ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियां समाज के लिए गंभीर समस्या बन चुकी हैं। हर सांसद ने इसके दुष्प्रभावों पर चिंता जताई है। गेमिंग उद्योग के एक-तिहाई हिस्से से मिलने वाले राजस्व और समाज कल्याण के बीच में से सरकार ने समाज कल्याण को चुना है।’’

सूत्र ने कहा कि विधेयक में धन-आधारिक गेमिंग में लिप्त पाई जाने वाली इकाइयों पर कार्रवाई मुख्य रूप से राज्य सरकारों के सुपुर्द की गई है। विधेयक के प्रावधान का उल्लंघन कर धन-आधारित गेमिंग सेवा उपलब्ध कराने वालों को तीन साल तक की कैद या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

इसी तरह नियमों के विपरीत विज्ञापन करने वालों के लिए दो साल तक की कैद या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। सूत्र ने कहा कि कई ऑनलाइन गेमिंग मंच खुद को ‘कौशल का खेल’ बताकर सट्टेबाजी से अलग दिखाने की कोशिश करते हैं। ‘ सूत्र ने कहा, ‘‘जहां तक गेम खेलने वालों का सवाल है तो वो पीड़ित हैं, उन पर कोई दंड नहीं लगेगा।

कार्रवाई केवल उन पर होगी जो मंच उपलब्ध कराते हैं या लेन-देन सेवाएं मुहैया कराते हैं।’’ उन्होंने बताया कि विधेयक के तहत ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सामाजिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए बजट, योजनाएं और एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। यह गेमिंग उद्योग के दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है और रोजगार सृजन में मदद करेगा।

सूत्र ने बताया कि पिछले साढ़े तीन साल से सरकार प्रयास कर रही थी, लेकिन ‘रियल मनी’ गेमिंग कंपनियां उन्हें दरकिनार कर रही थीं। सूत्र ने कहा, ‘‘जीएसटी के जरिये भी उन्हें रोकने की कोशिश हुई थी लेकिन उसे भी दरकिनार कर दिया गया। नियामक संस्था का प्रस्ताव भी हितों के टकराव की वजह से आगे नहीं बढ़ पाया।

सार्वजनिक और जनप्रतिनिधियों की शिकायतों के बाद यह विधेयक लाया गया है।’’ इस बीच, धन-आधारित गेमिंग उद्योग से जुड़े संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर चिंता जतायी है कि यह विधेयक रोजगार सृजित करने वाले इस उभरते उद्योग को समाप्त कर देगा।

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स ने इस पत्र में कहा है कि ऑनलाइन स्किल गेमिंग उद्योग का मूल्यांकन दो लाख करोड़ रुपये से अधिक है और इसकी वार्षिक आय 31,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। गेमिंग संगठनों के मुताबिक, यह उद्योग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान करता है और 2028 तक इसके दोगुना हो जाने का अनुमान है।

थरूर ने ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के बजाय नियमन और कराधान की मांग की

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार को ऑनलाइन ‘मनी गेमिंग’ पर प्रतिबंध लगाने संबंधी सरकार के कदम की आलोचना की और चेतावनी दी कि इस तरह के कदम से यह उद्योग अवैध हो जाएगा और आपराधिक नेटवर्क मजबूत होगा। थरूर ने कहा कि उन्होंने गंभीर आपराधिक आरोपों में हिरासत में लिए गए प्रधानमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और राज्य के मंत्रियों को हटाने के लिए एक प्रावधान प्रदान करने वाले तीन संविधान संशोधन विधेयकों का विस्तार से अध्ययन नहीं किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहली नजर में तो यह कहना मुश्किल है कि इसमें कोई समस्या है, लेकिन जाहिर है कि यदि कोई कुछ गलत करता है तो उसे मंत्री नहीं होना चाहिए। मुझे नहीं पता कि इसके पीछे कोई और मकसद है या नहीं।’’ लोकसभा में पेश किए गए ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंधित और विनियमित करने वाले विधेयक पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस मुद्दे पर एक बहुत लंबा लेख लिखा था कि ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाकर हम इसे अवैध बना रहे हैं, जबकि यह सरकार के लिए राजस्व का एक उपयोगी स्रोत हो सकता है यदि हम इसे वैध बनाते हैं।

इसे विनियमित करते हैं और इस पर कर लगाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कई देशों ने इस मुद्दे का विस्तार से अध्ययन किया है और निष्कर्ष निकाला है कि विनियमन और कराधान सामाजिक कार्यों के लिए धन जुटा सकते हैं, जबकि प्रतिबंध केवल ‘‘आपराधिक माफियाओं’’ को समृद्ध करते हैं। थरूर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने 2018 में सरकार से ऑनलाइन गेमिंग को वैध बनाने, विनियमित करने और कर लगाने का आग्रह किया था, न कि इसे प्रतिबंधित करके भूमिगत करने का, क्योंकि इससे केवल माफिया का मुनाफा बढ़ेगा।

उन्होंने लिखा, ‘‘यह दुख की बात है कि सरकार ने इस मुद्दे पर विचार करने वाले अन्य देशों के अनुभव से कोई सबक नहीं लिया है।’ उन्होंने कहा कि इस विधेयक को कम से कम संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए था ताकि ‘‘इसे कानून बनाने से पहले इसके सभी गुण-दोष पर विचार किया जा सके’’।

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