Online Gaming Bill: सालाना 20000 करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व, अश्विनी वैष्णव ने कहा- ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग, समाज के लिए ठीक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 20, 2025 21:16 IST2025-08-20T21:14:52+5:302025-08-20T21:16:10+5:30

Online Gaming Bill: लोकसभा में पैसे से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित करने के बाद कहा कि प्रस्तावित कानून ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगा।

Online Gaming Bill Annual revenue more than Rs 20000 crore Ashwini Vaishnav said E-sports and online social gaming good society | Online Gaming Bill: सालाना 20000 करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व, अश्विनी वैष्णव ने कहा- ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग, समाज के लिए ठीक

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Highlightsभारत को ऐसे गेम के विकास का केंद्र बनाएगा।घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कदम उठा रही है।तीन मुख्य क्षेत्रों के साथ एक ‘प्रमुख क्षेत्र’ के रूप में उभरा है।

नई दिल्लीः इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि पैसे से जुड़ा ऑनलाइन गेम एक गंभीर सामाजिक और जन स्वास्थ्य समस्या बन गया है और इसका समाज पर नकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में पैसे से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित करने के बाद कहा कि प्रस्तावित कानून ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगा और भारत को ऐसे गेम के विकास का केंद्र बनाएगा।

लोकसभा ने पैसे से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम के संचालन, खेल की सुविधा देने और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने वाले ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक को पारित कर दिया है। सरकार ऐसे ऐप के जरिए बढ़ती लत, धन शोधन और वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कदम उठा रही है।

वैष्णव ने बताया, ‘‘हमारा प्रयास ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग, ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना है और हम चाहते हैं कि भारत एक गेमिंग विकास का केंद्र बने। इसके लिए पहले से ही कई प्रयास किए जा रहे हैं।’’ मंत्री ने कहा कि जहां तक डिजिटल तकनीक का सवाल है, ऑनलाइन गेमिंग तीन मुख्य क्षेत्रों के साथ एक ‘प्रमुख क्षेत्र’ के रूप में उभरा है।

उन्होंने कहा, ‘‘दो क्षेत्र, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग, समाज के लिए अच्छे हैं। हम तीन में से दो क्षेत्रों को बढ़ावा दे रहे हैं... इन दोनों को कानूनी मान्यता मिलेगी और इनका प्रचार किया जाएगा। यह विधेयक एक प्राधिकरण बनाएगा जो मूल रूप से ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम और योजनाएं बनाएगा।’’

मंत्री ने कहा कि तीसरा क्षेत्र, पैसे से जुड़ा ऑनलाइन गेम है, जो समाज को नुकसान पहुंचा रहा है और यह एक प्रमुख सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभरा है। वैष्णव ने कहा, ‘‘यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ऑनलाइन गेम खेलने की लत और उसके दुष्प्रभाव को लेकर एक नई बीमारी ‘गेमिंग डिस्ऑर्डर’ को वर्गीकृत किया है।

जो चिंता, अवसाद, नींद की समस्या, सामाजिक अलगाव और तनाव का कारण बनती है।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘यह मनोवैज्ञानिक संकट और पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में गंभीर व्यवधान पैदा करता है। हमने देखा है कि पैसे से खेले जाने वाला ऑनलाइन गेम की लत के कारण मध्यम वर्ग के परिवारों को अपनी पूरी जीवन भर की बचत गंवानी पड़ी है। आत्महत्या के मामले भी सामने आए हैं।’’

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के एक हिस्से ने किया विधेयक का स्वागत, आशंकाएं भी कायम

धन-आधारित ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक का गेमिंग उद्योग के एक बड़े हिस्से ने स्वागत किया है जबकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि व्यापक प्रतिबंध से गेमिंग बाजार के कुछ खंड प्रभावित हो सकते हैं। लोकसभा ने बुधवार को ‘ऑनलाइन गेमिग प्रोत्साहन एवं नियमन विधेयक, 2025’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

इस विधेयक में ऑनलाइन मनी गेम को प्रतिबंधित किए जाने के साथ उनके विज्ञापन एवं बैंकों के माध्यम से लेनदेन पर भी रोक का प्रावधान है। नॉडविन गेमिंग के सह-संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक अक्षत राठी ने कहा, “ई-स्पोर्ट्स को मान्यता एवं प्रोत्साहन देना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन विभिन्न खंडों को लेकर स्पष्टता के लिए विधेयक में प्रयुक्त परिभाषाएं स्पष्ट होनी जरूरी हैं ताकि भ्रम न फैले।”

एस8यूएल के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनिमेश अग्रवाल ने कहा, “कौशल-आधारित प्रतिस्पर्धी गेमिंग और सट्टेबाजी में साफ फर्क कर यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग पारिस्थितिकी की साख बचाने का काम करता है।” सुपरगेमिंग के सह-संस्थापक रॉबी जॉन ने कहा, “वीडियो गेम को ई-स्पोर्ट की सरकारी मान्यता मिलने से अब वीडियो गेम उद्योग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिलना तय है।”

हालांकि, ग्रांट थॉर्नटन भारत के अनन्य जैन ने इसे दुधारी तलवार बताते हुए कहा कि विधेयक में किए गए कड़े प्रतिबंध छोटे गेमिंग स्टार्टअप और उभरते डेवलपर पर अनुपालन बोझ डाल सकते हैं। इस बीच, गेमिंग उद्योग से जुड़े तीन संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा कि यह क्षेत्र दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूल्यांकन रखता है और सालाना 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर राजस्व देता है। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स ने यह पत्र लिखा है।

रियल मनी गेमिंग कारोबार से हमारा कोई सीधा संबंध नहींः नजारा टेक

गेमिंग एवं स्पोर्ट्स मीडिया कंपनी नजारा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर विधेयक पारित होने से उसकी वित्तीय स्थिति पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसका धन पर आधारित रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) कारोबार से कोई सीधा संबंध नहीं है।

नजारा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के वित्तीय नतीजों से पता चलता है कि राजस्व एवं कर-पूर्व आय (एबिटा) में आरएमजी कारोबार का योगदान ‘शून्य’ रहा। नजारा ने कहा कि पोकरबाजी मंच का संचालन करने वाली मूनशाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड में उसकी केवल परोक्ष हिस्सेदारी है।

हालांकि, 46.07 प्रतिशत हिस्सेदारी होने के बावजूद नजारा के वित्तीय परिणामों में मूनशाइन की आय शामिल नहीं होती है। नजारा ने मूनशाइन में 805 करोड़ रुपये का निवेश इक्विटी हिस्सेदारी में किया हुआ है। इसके अलावा 255 करोड़ रुपये के अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय शेयर भी उसके पास हैं।

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