9 करोड़ डॉलर की क्रिप्टो गलती से पहुंच गई यूजर्स के पास, अब सीईओ लौटाने की लगा रहा गुहार
By विनीत कुमार | Updated: October 5, 2021 10:03 IST2021-10-05T09:38:43+5:302021-10-05T10:03:43+5:30
DeFi प्लेटफॉर्म 'कंपाउंड' में आए एक बग ने उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। दरअसल, प्लेटफॉर्म की गलती से कई यूजर्स को 9 करोड़ डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी मिल गई। अब इसे लौटाने की गुहार लगाई जा रही है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: विकेन्द्रीकृत वित्तीय प्लेटफॉर्म 'कंपाउंड' (Compound) के हालिया अपडेट के बीच एक बग (तकनीकी गलती) की वजह से इसके कई उपयोगकर्ताओं को गलती से लगभग 9 करोड़ डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी मिल गई। हालात ये हैं कि अब इसके सीईओ यूजर्स से इसे अपनी इच्छा से लौटाने की गुहार लगा रहे हैं।
पारंपरिक वित्त प्रणाली को बेहतर बनाने की बात करने वाले क्रिप्टोक्यूरेंसी प्लेटफॉर्म के लिए ये आंखे खोल देने वाली घटना जैसी है। दरअसल DeFi प्लेटफॉर्म में बैंक या अन्य बिचौलिए नहीं होते हैं। इसमें पूरा लेन-देन कंप्यूटर कोड के आधार पर होता है। क्रिप्टोरेंसी समर्थकों का हमेशा कहना रहा है कि ये पारंपरिक तरीकों से बेहतर है।
वहीं, इसके आलोचक मानते हैं कि जब भी कोड को लेकर ऐसी गलतियां हुई हैं, इसके परिणाम भयावह रहे हैं।
अमेरिकन फॉर फाइनेंशियल रिफॉर्म के एक वरिष्ठ नीति विश्लेषक एंड्रयू पार्क के अनुसार, 'मौजूदा बैंकिंग प्रणाली की आलोचना करने के कारण हैं लेकिन इस तरीके में कई सारे सुरक्षा उपाय भी हैं जिसकी मदद से ऐसी गलतियां रोकी जाती है।' उन्होंने कहा, 'अगर मेरा पैसा कंपाउंड के पास है, तो मैं उस सिस्टम में कितना भरोसा कर सकूंगा।'
कंपाउंड से हुई गलती कोई नई बात नहीं है। पिछले महीने एक क्रिप्टो प्रोजेक्ट कई घंटों के लिए ब्लैक आउट हो गया था। इसी साल अगस्त में एक हैकर ने एक अलग DeFi प्रोजेक्ट में सेंधमारी करते हुए 600 मिलियन डॉलर मूल्य के टोकन ले लिए थे। हालांकि बाद में उसे हैकर ने लौटा दिया था।
कंपाउंड पर क्या हुई गलती?
इसी हफ्ते DeFi प्लेटफॉर्म कंपाउंड पर ये गलती हुई। कोई भी DeFi प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को क्रिप्टोकरेंसी को उधार देने और ब्याज हासिल करने की अनुमति देता है। BlockFi Inc. जैसी कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे ऐसे ही प्लेटफॉर्म के विपरीत कंपाउंड एक सेंट्रल कंपनी द्वारा नहीं चलाया जाता है बल्कि यह स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं के नेटवर्क द्वारा संचालित है।
कंपाउंड COMP नाम का टोकन (क्रिप्टोकरेंसी) भी वितरित करता है, जो उपयोगकर्ताओं को यह बताता है कि प्रोटोकॉल कैसे काम करता है और जिसकी कीमत शुक्रवार को लगभग 319 डॉलर प्रति सिक्का थी।
मुश्किल बुधवार को उस समय शुरू हुई, जब यूजर्स ने कंपाउंड प्लेटफॉर्म के अपडेट को अपने डिवाइस पर मंजूरी दी। इसमें दरअसल एक बग था। कंपाउंड लैब्स इंक. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रॉबर्ट लेशनर ने ट्विटर पर बताया कि बग की वजह से कुछ उपयोगकर्ताओं को बहुत अधिक COMP मिल गया। अब चूंकि प्लेटफटर्म पर किसी प्रकार का केंद्रीय अधिकार नहीं है और वेटिंग पीरियड की जरूरत है, तो ऐसे में न उनकी कंपनी और न ही किसी और के पास टोकन के वितरण को रोकने की क्षमता है।