सामान्य कारोबार के बीच तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद

By भाषा | Published: June 5, 2021 06:01 PM2021-06-05T18:01:02+5:302021-06-05T18:01:02+5:30

Oilseeds prices closed at previous level amid normal business | सामान्य कारोबार के बीच तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद

सामान्य कारोबार के बीच तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद

नयी दिल्ली, पांच जून सामान्य कारोबार के बीच दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शनिवार को लगभग सभी खाद्यतेल तिलहनों के दाम पूर्ववत बने रहे।

बाजार सूत्रों का कहना है कि कुछ जिम्मेदार लोग भी इस बात को हवा देने में लगे हैं कि सरकार आयात शुल्क कम कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले के आने से पहले इन लोगों को ऐसी चर्चा को हवा देने से बचना चाहिये।

उन्होंने देश में तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने को सबसे अहम बताते हुए कहा कि इससे विदेशी आपूर्तिकर्ताओं की मनमानी रुकेगी और देश के विदेशीमुद्रा के खर्च में भारी कमी आयेगी।

सूत्रों ने कहा कि मौजूदा समय में चिकेन, अंडे और दुग्ध उत्पादों के दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है जिसका देश की खुदरा मु्द्रास्फीति पर असर होता है। इसमें दुधारू मवेशियों और मुर्गियों के चारे के रूप में प्रयोग किये जाने वाले अलग अलग तेल रहित खल (डीओसी) और तेल खली की कीमतों को देखें तो जिस बिनौला खल का भाव पहले 2,200 रुपये क्विन्टल था वह अब बढ़कर लगभग 3,600 रुपये क्विन्टल हो गया है। इसी प्रकार, तिल खल का भाव पहले के 3,200 - 3,300 रुपये क्विन्टल से बढ़कर 5,000 रुपये क्विन्टल हो गया है। इसी प्रकार सोयाबीन डीओसी का भाव पहले के लगभग 3,000 रुपये क्विन्टल से बढ़कर लगभग 6,200 रुपये क्विन्टल हो गया है। सूत्रों ने कहा कि तिलहन उत्पादन बढ़ने से डीओसी का उत्पादन भी बढ़ेगा जिसकी वजह से मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि खाद्यतेल की कमी को तो आयात से पूरा किया जा सकता है लेकिन मुर्गीपालन और दुधारु मवेशियों को पालने वाले करोड़ों किसान पशुआहार और मुर्गीदाने के लिए सभी प्रकार के डीओसी और खल की जरुरत को कहां से पूरा करेंगे? इसका एकमात्र समाधान तिलहन उत्पादन बढ़ाने में ही है।

उन्होंने कहा कि विदेशों से 10-12 लाख टन खाद्य तेल आयात किये जाने के रास्ते में हैं जबकि इसके अलावा 10-12 लाख टन खाद्य तेलों के आयात के बारे में बातचीत चल रही है। ऐसे में देश में आयात शुल्क कम हुआ तो फायदा विदेशी कंपनियों को होगा जो अपने यहां दाम बढ़ा देंगे। इससे देश को दोहरे नुकसान का सामना करना होगा क्योंकि इससे सरकार को राजस्व का नुकसान तो होगा ही वहीं बिजाई करने वाले किसानों को भारी नुकसान पहुंच सकता है। देश में फिलहाल सोयाबीन की बिजाई चल रही है और इसके बाद मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी की बिजाई होनी है। ऐसे में इस तरह की खबरों से किसान हतोत्साहित होंगे।

सूत्रों ने कहा कि तिलहन के लिहाज से देखा जाये तो मौजूदा परिदृश्य में तेल तिलहन उत्पादन को बढ़ाना ही बहुत सी समस्याओं का दीर्घकालिक समाधान साबित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ किसानों को उनकी ऊपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करे और मौजूदा समर्थन जारी रखे तो उन्हें विश्वास है कि किसान उत्पादन को इतना बढ़ा सकते हैं कि भविष्य में हमें किसी की रहमो करम पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,350 - 7,400 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,920 - 5,965 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,320 - 2,350 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,465 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,330 -2,380 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,430 - 2,530 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,200 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,750 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,550 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,500 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,480 रुपये।

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Web Title: Oilseeds prices closed at previous level amid normal business

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