97 लाख गाड़ियों को कबाड़ में बेचो, 70 लाख नौकरियां और 40,000 करोड़ रुपये की कमाई, नितिन गडकरी ने कहा- अगस्त महीने तक 3 लाख वाहन कबाड़ घोषित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 13, 2025 17:44 IST2025-09-13T17:43:58+5:302025-09-13T17:44:54+5:30

वाहन को कबाड़ में देने यानी स्क्रैप का प्रमाणपत्र जमा करने वाले ग्राहकों को नए वाहन खरीदते समय कम से कम पांच प्रतिशत की छूट दें।

nitin gadkari says 70 lakh jobs and Rs 40,000 crore, scrap all 97 lakh unfit and polluting vehicles in country 3 lakh vehicles declared junk month August | 97 लाख गाड़ियों को कबाड़ में बेचो, 70 लाख नौकरियां और 40,000 करोड़ रुपये की कमाई, नितिन गडकरी ने कहा- अगस्त महीने तक 3 लाख वाहन कबाड़ घोषित

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Highlightsअनुमान के मुताबिक करीब 97 लाख वाहनों को कबाड़ में बदलने की जरूरत है।निजी क्षेत्र ने इस क्षेत्र में 2,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है।'स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम' (वी-वीएमपी) लागू किया हुआ है।

नई दिल्लीः केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यदि देश में सभी 97 लाख अयोग्य एवं प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ में तब्दील कर दिया जाए तो केंद्र और राज्यों को जीएसटी के रूप में 40,000 करोड़ रुपये तक का लाभ होगा। उन्होंने बताया कि अगस्त महीने तक तीन लाख वाहन कबाड़ घोषित किए जा चुके हैं जिनमें 1.41 लाख सरकारी वाहन भी शामिल हैं। गडकरी ने वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं के निकाय 'एक्मा' के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे अनुमान के मुताबिक करीब 97 लाख वाहनों को कबाड़ में बदलने की जरूरत है।

ऐसा होने पर 70 लाख नौकरियां पैदा होंगी और केंद्र एवं राज्यों को जीएसटी राजस्व के तौर पर करीब 40,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।" उन्होंने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वाहन को कबाड़ में देने यानी स्क्रैप का प्रमाणपत्र जमा करने वाले ग्राहकों को नए वाहन खरीदते समय कम से कम पांच प्रतिशत की छूट दें।

गडकरी ने कहा कि वर्तमान में हर महीने औसतन 16,830 वाहन स्क्रैप हो रहे हैं और निजी क्षेत्र ने इस क्षेत्र में 2,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सरकार ने पर्यावरण-अनुकूल तरीके से चलने के अयोग्य हो चुके एवं प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध ढंग से हटाने के लिए 'स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम' (वी-वीएमपी) लागू किया हुआ है।

मोटर वाहन नियमों के तहत वाणिज्यिक वाहनों के लिए फिटनेस जांच कराना अनिवार्य है। यह जांच आठ साल तक हर दो साल पर करना होता है और फिर हर साल करना जरूरी होता है। निजी वाहनों के मामले में फिटनेस जांच 15 साल की अवधि पूरी होने के बाद करानी होती है। सरकारी वाहनों की उपयोग अवधि 15 साल के बाद समाप्त हो जाती है।

गडकरी ने ऊर्जा सुरक्षा एवं ईंधन आयात पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोल-डीजल ईंधन का आयात करता है और कृषि से एथनॉल उत्पादन बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है। ई-20 पेट्रोल फिलहाल छोटे इंजन संशोधनों के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है।

जबकि ई-27 की मिलावट के बारे में कोई निर्णय सभी जांच पूरे होने के बाद ही लिया जाएगा। उन्होंने सड़क सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 2023 में पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 1.8 लाख लोगों की मौत हुई। इनमें 66 प्रतिशत लोग 18-34 वर्ष की उम्र के थे। गडकरी ने भारत को आने वाले पांच वर्षों में दुनिया का अग्रणी वाहन उद्योग का विश्वास भी जताया।

Web Title: nitin gadkari says 70 lakh jobs and Rs 40,000 crore, scrap all 97 lakh unfit and polluting vehicles in country 3 lakh vehicles declared junk month August

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