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निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया 'श्वेत पत्र', जानें इन 15 मुद्दे पर मंत्री ने सिलसिलेवार तरीके से क्या कहा

By आकाश चौरसिया | Published: February 08, 2024 6:09 PM

वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को भारत की आर्थिक गतिविधि से जुड़ी बातों से संबंधित श्वेत पत्र लोकसभा की पटल पर वित्त मंत्री ने रखा। इसे लेकर सरकार ने 1 फरवरी, 2024 को पेश केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि वह श्वेत पत्र लाएगी।

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ठळक मुद्देलोकसभा की पटल पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने रखा 'श्वेत पत्र'श्वेत पत्र की इन 15 बिंदुओं को विस्तार से यहां जानेंकेंद्र सरकार इसके जरिए यूपीए और एनडीए के 10 साल के कार्यकाल की तुलना की

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को भारत की आर्थिक गतिविधि से जुड़ी बातों से संबंधित श्वेत पत्र लोकसभा की पटल पर वित्त मंत्री ने रखा। इसे लेकर सरकार ने 1 फरवरी, 2024 को पेश केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि वह श्वेत पत्र लाएगी। असल में इसके जरिए केंद्र सरकार ने ये बताया कि कांग्रेस नीत यूपीए के मुकाबले भाजपा नीत एनडीए के कार्यकाल में किस तरह काम हुए, क्या बदलाव और कहां तक भारत ने विकास किया।   

अब इस श्वेत पत्र से जुड़ी उन 15 बिंदुओं पर नजर डालनी होगी, जिसे एनडीए की केंद्र सरकार ने संसद में बताया है। इसमें ये भी भारत कैसे आगे बढ़ रहा है। आइए जानते हैं, वो कौन सी बातें हैं, जिनपर सरकार इस दृढ़ता से अपनी बात रख रही है।  

-15 बिंदु-केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि मोदी सरकार ने तुरंत समाधान करने के बजाय, एनडीए सरकार ने साहसिक सुधार किए, जिसमें आधारभूत रचना को मजबूत के निर्माण पर ध्यान दिया। 

-एनडीए सरकार की ओर से वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने राजनीतिक और नीति के तहत देश को स्थिरता प्रदान की है। यह तभी संभव हो पाया है, जब सरकार ने कड़े निर्णय लिए, जबकि पिछली यूपीए सरकार में इतनी हिम्मत नहीं थी कि इस तरह से काम करें। 

-2014 तक भारतीय अर्थव्यवस्था संकट में थी, तब श्वेत पत्र द्वारा नकारात्मक माहौल सेट किया गया और इससे निवेशकों का विश्वास भी हिला था।

-मोदी सरकार के आर्थिक प्रबंधन ने भारत को निरंतर उच्च विकास के सटीक रास्ते पर ला खड़ा किया है।

-बैंकिंग संकट यूपीए सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और लचर विरासतों को प्रदर्शित करती है। 

- वित्त मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक वित्तीय स्थिति खराब थी, आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता थी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार मौजूद था।

-साल 2014 में केंद्र सरकार को गहरी क्षतिग्रस्त अर्थव्यवस्था विरासत में मिली, जिसकी नींव 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के लिए नई विकास यात्रा को सक्षम बनाना पड़ा।

-एनडीए सरकार के आर्थिक प्रबंधन और शासन के माध्यम से 2014 से पहले की हर चुनौती पर काबू पा लिया गया।

-निर्मला सीतारमण ने कहा कि समय की मांग है कि लोगों में आशा जगाई जाए, घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के निवेश आकर्षित किए जाएं और बहुत जरूरी सुधारों के लिए समर्थन तैयार किया जाए।

-यूपीए सरकार आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में बुरी तरह विफल रही, इसके बजाय उसने ऐसी बाधाएं पैदा की, जिन्होंने अर्थव्यवस्था को पीछे खींच ला दिया

-उन्होंने ये भी बताया कि ऐसे कई घोटाले हुए, जिनसे सरकारी खजाने को भारी राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा हुआ।

-पिछले 10 सालों में एनडीए सरकार ने पिछली यूपीए सरकार द्वारा छोड़ी गई चुनौतियों पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया।

-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि हमारी सरकार ने पिछली सरकार के मुकाबले एक मजबूत आधारभूत रचना के निर्माण के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूत करने के लिए अधिक निवेश किया।

-श्वेत पेपर में आगे कहा गया है कि अभी मीलों चलना है और पहाड़ों को पार करना है क्योंकि लक्ष्य '2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र' बनाना है।

-पेपर के जरिए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार 'नेशन फर्स्ट' में विश्वास करती है, न कि राजनीतिक लाभ कमाने में।

टॅग्स :Nirmal Sitharamanकांग्रेसनरेंद्र मोदीराहुल गांधीRahul Gandhi
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