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बिजली बिल, फोन रिचार्ज के लिये स्वत: भुगतान के नये नियम शुक्रवार से होंगे लागू

By भाषा | Updated: September 30, 2021 22:12 IST

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नयी दिल्ली, 30 सितंबर अब से बिजली बिल का भुगतान, फोन रिचार्ज समेत विभिन्न सेवाओं के लिये भुगतान स्वत: नहीं हो पाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के इस संदर्भ में बढ़ायी गयी समयसीमा समाप्त होने के साथ शुक्रवार से इन चीजों के लिये भुगतान को लेकर सत्यापन के अतिरिक्त उपाय की जरूरत होगी।

इसके तहत, बैंकों को भुगतान से पहले ग्राहकों से सत्यापन के तौर पर मंजूरी और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) व्यवस्था का उपयोग करना होगा।

उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने चार दिसंबर को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) समेत सभी बैंकों और भुगतान सुविधा प्रदाताओं को निर्देश दिया था कि मौजूदा व्यवस्थाओं के तहत कार्ड या प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करके निश्चित समय पर लेनदेन (घरेलू या विदेशी) की प्रक्रिया अतिरिक्त सत्यापन उपाय (एएफए) का अनुपालन नहीं करने पर 31 मार्च, 2021 के बाद जारी नहीं रहेगी।

केंद्रीय बैंक ने जोखिम कम करने तथा सुरक्षा उपायों तथा कार्ड के जरिये लेन-देन की व्यवस्था को मजबूत करने के इरादे से यह कदम उठाया है।

हालांकि, कुछ इकाइयों की नयी व्यवस्था के लिये तैयार नहीं होने पाने से आरबीआई को बिजली बिल, डीटीएच, फोन रिचार्ज, अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स जैसी ओटीटी (ओवर द टॉप) सेवाओं के लिये निश्चित समय पर होने वाले स्वत: भुगतान की व्यवस्था के नये नियम को लेकर समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ानी पड़ी।

नयी व्यवस्था के तहत बैंकों को पहले से ग्राहकों को यह बताना होगा कि उन्हें राशि का भुगतान करना है और ग्राहक से मंजूरी के बाद लेन-देन को आगे बढ़ाया जाएगा। यानी भुगतान स्वत: नहीं होगा लेकिन ग्राहक से सत्यापन के बाद होगा।

नये दिशानिर्देश के अनुसार निश्चित समय पर होने वाले 5,000 रुपये से अधिक के भुगतान के लिये बैंकों को ग्राहकों को ‘वन टाइम पासवर्ड’ भेजने की जरूरत होगी।

भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक समेत ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को नये नियमों के बारे में सूचना दे दी है।

एचडीएफसी बैंक ने ग्राहकों को भेजी सूचना में कहा कि आरबीआई के दिशानिर्देश के अनुसार आपके क्रेडिट/डेबिट कार्ड पर स्वत: भुगतान की इलेक्ट्रॉनिक मंजूरी की व्यवस्था एक अक्टूबर, 2021 से जारी नहीं रहेगी।

उसने कहा, ‘‘इसके लिये वैकल्पिक समाधान अपनाया जा सकता है। बिजली/पानी/गैस/लैंडलाइन/पोस्टपेड मोबाइल/ब्रॉडबैंड/बीमा बिल के भुगतान के लिए हमारे नेटबैंकिंग पर बिल पे में ओटीपी या ऑटोपे के माध्यम से प्रमाणित मर्चेंट वेब/ऐप पर नियमित भुगतान का प्रयास किया जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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