री-केवाईसी नहीं की तो सरकारी लाभ नो?, विदर्भ में 5911 कैंप, 2.77 लाख खातों को अपडेट
By फहीम ख़ान | Updated: September 10, 2025 19:13 IST2025-09-10T19:12:29+5:302025-09-10T19:13:13+5:30
आरबीआई नागपुर के रीजनल डायरेक्टर सचिन वाई. शेंडे ने दी जानकारी. ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय समावेशन और री-केवाईसी के लिए आरबीआई मुश्तैद.

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नागपुर: सामान्य खातों की री-केवाईसी हर 10 सालों के भीतर करना अनिवार्य होता है. ऐसा नहीं किया गया तो विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ खाते में जमा होने से रुक सकता है. यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक के रीजनल डायरेक्टर सचिन वाई. शेंडे ने दी है. वे यहां बुधवार को आरबीआई में आयोजित पत्रपरिषद दौरान बोल रहे थे.
इस समय डीजीएम अंजना श्यामनाथ, एजीएम विनोथ कुमार, एजीएम पीयूष तेलरांधे, पीएसवी सुधाकर, महेश थुल भी उपस्थित थे. भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय समावेशन और विकास विभाग, नागपुर के नेतृत्व में देशभर के बैंकों द्वारा 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2025 तक एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है.
इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय समावेशन (एफआई) योजनाओं के तहत बैंक खातों की री-केवाईसी और नए पीएमजेडीवाई खाते खोलने की प्रक्रिया चल रही है. अभियान का उद्देश्य पीएमजेडीवाई, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में नामांकन को बढ़ावा देना और खाताधारकों को उनके बैंक खातों में जमा किए गए लाभों तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित कराना है.
आरबीआई के नागपुर के रीजनल डायरेक्टर सचिन वाई. शेंडे ने विदर्भ के 11 में से 9 जिलों में आयोजित किए गए 20 शिविरों में भाग लिया और री-केवाईसी के महत्व और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में नामांकन पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि वे आगामी दिनों में गढ़चिरोली और चंद्रपुर जिले के सुदूर गांवों में आयाेजित होने वाले शिविरों में भी पहुंचेंगे.
बैंक ग्राहकों, स्वयं सहायता समूहों, बीसी, छात्रों और बैंक प्रतिनिधियों के साथ संवाद साधेंगे. अभियान के तहत नागपुर और अमरावती में मोबाइल एलईडी वैनें भी तैनात की गई हैं, जिससे दूरदराज की आबादी तक जागरूकता पहुंच सके. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से खाता धारकों से अपील की गई है कि वे अपनी री-केवाईसी औपचारिकताएं जल्द पूरा करें,
ताकि निर्बाध बैंकिंग सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा लाभों तक निरंतर पहुंच सुनिश्चित की जा सके. यह अभियान आर्थिक रूप से सुरक्षित और सशक्त राष्ट्र के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके लिए पंचायत स्तरों पर शिविर आयोजित किए जा रहे है. साथ ही खाता धारक अपनी बैंक शाखाओं में जाकर भी यह कार्य पूर्ण कर सकते हैं.
देश में 1.95 करोड़ खाते अपडेट
रिपोर्ट के अनुसार, 9 सितंबर तक राष्ट्रव्यापी अभियान में 2.18 लाख शिविर आयोजित किए गए और 1.95 करोड़ खातों की री-केवाईसी सफलतापूर्वक पूरी की गई. विदर्भ क्षेत्र में अब तक 5,911 शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 2.77 लाख से अधिक खातों को अपडेट किया गया.